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दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से सत्ता और सादगी को लेकर बहस तेज़ हो गई है। आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल झा ने राज्य सरकारपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो सरकार जनता के कल्याण के नाम पर सत्ता में आई थी, वही अब शाही जीवनशैली की ओर बढ़ रही है।उन्होंने कहा कि यह वही पार्टी है जो 27 वर्षों के बाद दिल्ली में सत्ता में लौटी है, और जिसे अब तक केवल 5 महीने ही हुए हैं। लेकिन इतने कम समयमें ही सरकार का असली चेहरा सामने आने लगा है। जो नेता विपक्ष में रहते हुए जनता के धन के दुरुपयोग का विरोध करते थे, वे अब खुद उसी राहपर चल पड़े हैं।
मायामहल से रंगमहल तक – अनिल झा ने खुलासा किया कि दिल्ली में 9, शामनाथ मार्ग स्थित बंगले में बड़े पैमाने पर निर्माण और बदलाव का कामचल रहा है। उन्होंने कहा, इस बंगले को कपिल मिश्रा जी के नाम पर आवंटित किया गया है, जिसमें पूरी खिड़कियां, बाथरूम आदि बदले जा रहे हैं।शौचालय में एसी और टीवी लगाने की योजना बन रही है, ताकि ‘मायामहल की गुप्त योजनाएं’ आसानी से बन सकें। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा किजब ये नेता विपक्ष में थे तो कहते थे कि जनता का पैसा फालतू खर्च किया जा रहा है, लेकिन अब खुद शाही ठाठ में डूबे हुए हैं।


टेंडर रद्द, अनुमान करोड़ों का – अनिल झा ने यह भी सवाल उठाया कि मायामहल निर्माण का जो टेंडर केवल 60 लाख रुपये का था, उसे रद्द कर दियागया। उन्होंने आशंका जताई कि शायद मुख्यमंत्री को यह रकम कम लगी और अब उसी पर 5–7 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं। उन्होंने कहा कियह जनधन का खुला दुरुपयोग है, और यह बताता है कि सरकार की प्राथमिकताएं जनता नहीं, बल्कि विलासिता है।


सामाजिक मूल्यों को किनारे रखा गया

अनिल झा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने से पहले समाजिक मूल्यों, पारदर्शिता और जनसेवा की बातें की थीं। लेकिन आज उन्हींमूल्यों को दरकिनार कर दिया गया है। इस सरकार में क्या मिला? मंत्री अपना रंगमहल बना रहे हैं, 14-14 गाड़ियों में घूम रहे हैं और दिल्ली में जातिऔर धर्म के आधार पर कार्यवाही कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जनता के लिए जो काम होने चाहिए थे, वे अब सत्ता के वैभव में दब गए हैं। दिल्लीकी सड़कों पर बारिश से लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन सरकार शौचालय में टीवी लगवाने की योजनाएं बना रही है।


सत्ता के केंद्र पर सवाल – अनिल झा ने यह भी कहा कि अगर मुख्यमंत्री यह तर्क देती हैं कि उन्हें जो कार्यालय मिला वह पिछली सरकार का बना है, और वह इसलिए नया कार्यालय बनवा रही हैं, तो फिर उन्हें उसी पुराने कार्यालय से भी काम नहीं करना चाहिए। सत्ता में आने से पहले कहते थे हमेंजैसा मिलेगा सरकार चला देंगे – लेकिन आज वही सरकार जनता के पैसों से नया ‘रंगमहल’ बना रही है।
अनिल झा का यह आरोप स्पष्ट करता है कि सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की नीतियों और व्यवहार में भारी बदलाव आया है। सरकार केशुरुआती महीनों में ही जिस तरह से शाही खर्चे सामने आ रहे हैं, वह जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात जैसा है।
दिल्ली की जनता अब यह सवाल पूछ रही है – क्या हमने जनसेवा के लिए वोट दिया था, या सत्ता के रंगमहलों के लिए? यह समय है जब जनता कोसजग होना होगा और सत्ता से जवाब मांगना होगा.


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