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देश की राजनीति में एक लंबे समय से कांग्रेस पार्टी द्वारा गढ़ी गई ‘हिंदू आतंकवाद’ की थ्योरी आज पूरी तरह बेनकाब हो चुकी है। मालेगांव ब्लास्टकेस में अदालत का जो फैसला आया है, उसने कांग्रेस के उस पूरे षड्यंत्र पर से पर्दा हटा दिया है, जिसके तहत निर्दोष लोगों को सालों तक परेशानकिया गया।


भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हिंदू आतंकवाद का झूठा नैरेटिव बनाकर देश की सेना, साधु-संतों औरबहुसंख्यक समाज को बदनाम करने का काम किया। यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति था।

कोर्ट ने कहा – किसी के खिलाफ नहीं मिला सबूत
मालेगांव धमाके में आरोपित सभी लोगों को बरी कर दिया गया क्योंकि अदालत में उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जा सका। वर्षों कीजांच-पड़ताल और सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि यह केस सबूतों के अभाव में टिक नहीं सका।

सेना के जांबाज़ कर्नल पुरोहित पर लगाया गया झूठा आरोप
कर्नल श्रीकांत पुरोहित, जो कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ते रहे हैं, उन पर मालेगांव ब्लास्ट में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया गया। इसआरोप के चलते उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा और उनका मान-सम्मान छीना गया। एक ऐसा वीर सैनिक, जिसने हमेशा देश के लिए कामकिया, उसे साजिश के तहत आतंकवादी बताया गया।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रताड़ित किया गया
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर भी गंभीर आरोप लगाए गए कि बम में जिस मोटरसाइकिल का उपयोग हुआ, वह उनकी थी। उन्हें हिरासत में लेकर बुरी तरहप्रताड़ित किया गया। उन्होंने खुद कहा कि उन्हें इतना शारीरिक और मानसिक दर्द दिया गया कि अब वे ठीक से चल-फिर भी नहीं सकतीं। अदालत नेउनके खिलाफ भी कोई ठोस सबूत न मिलने पर राहत दी।

रविशंकर प्रसाद का कांग्रेस पर तीखा हमला
श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा “हिंदू आतंकवाद को देश के ऊपर जबरन थोपने का कांग्रेस पार्टी का षड्यंत्र आज न्यायालय के फैसले से धराशायी होगया है। कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए देश के साधु-संतों और सेना के अफसरों की छवि को नुकसान पहुँचाया। यह एक शर्मनाक औरराष्ट्रविरोधी साजिश थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मामले में कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।

राजनीति नहींसच्चाई की जीत हुई
इस केस ने यह साफ कर दिया है कि झूठ चाहे जितनी भी कोशिश करे, वह सत्य को हमेशा के लिए दबा नहीं सकता। कांग्रेस ने अपने राजनीतिकस्वार्थ के लिए जिस ‘हिंदू आतंकवाद’ की थ्योरी को जन्म दिया, वह अब पूरी तरह से गलत साबित हो चुकी है।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में आया कोर्ट का फैसला केवल कानूनी नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक निर्णय है, जिसने वर्षों से चल रहे झूठे नैरेटिव को खत्मकिया। यह फैसला बताता है कि देश में न्यायपालिका स्वतंत्र है और सच की हमेशा जीत होती है।


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