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राजधानी में सोमवार से रामलीला मंचन का भव्य आगाज होगा। लालकिला मैदान से लेकर अशोक विहार, रोहिणी, पीतमपुरा, शालीमार बाग वद्वारका सहित कई स्थानों पर सजे हाईटेक पंडालों में भगवान श्रीराम की लीला का मंचन होगा। इस बार दर्शक न सिर्फ पारंपरिक भक्ति रस में डूबेंगेबल्कि उन्हें आधुनिक तकनीक और फिल्मी कलाकारों के संगम से सजी भव्य झांकियां भी देखने को मिलेंगी। दिल्ली की छोटी-बड़ी करीब 600 सौरामलीला कमेटियों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। इनमें से लगभग 50 जगहों पर हाईटेक मंचन होगा। दर्शकों के मनोरंजन और सुविधा को देखते हुएलीला कमेटियों ने पंडालों को प्राचीन संस्कृति की झलक से सजाया है। साथ ही, सुरक्षा और आपात स्थिति के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।
लालकिला मैदान की लवकुश रामलीला सबसे चर्चित
लालकिला मैदान की लवकुश रामलीला सबसे चर्चित रहती है। इस बार भी यहां फिल्म और टीवी जगत के नामचीन चेहरे हिस्सा लेंगे। भगवान श्रीरामकी भूमिका फिल्म अभिनेता किंशुक वैद्य निभाएंगे। डॉ. राजन शर्मा लक्ष्मण तो अभिनेत्री रिनी आर्या सीता बनेंगी। हनुमान की भूमिका गुजराती पृष्ठभूमिसे जुड़े थियेटर कलाकार मल्हार पांड्या निभाएंगे। अभिनेता आर्य बब्बर करेंगे रावण बनेंगे। वहीं, मंदोदरी के रूप में अभिनेत्री व मॉडल पूनम पांडे कोलिया गया है। हालांकि, उनके चयन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। धार्मिक संगठनों और कुछ पदाधिकारियों ने पूनम के पूर्व बयानों को आधारबनाकर आपत्ति जताकर रामलीला से बाहर करने की मांग की है। फिलहाल, कमेटी ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है और वरिष्ठ पदाधिकारी चुप्पीसाधे हुए हैं। लालकिला के सामने 1958 से लगातार रामलीला करने वाली नव श्री धार्मिक लीला कमेटी इस बार मंचन को और भी आधुनिक औरप्रभावशाली बनाने जा रही है। पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

वॉयस मॉड्यूलेशन, लाइट और साउंड इफेक्ट्स को एआई से जोड़ा जाएगा
वॉयस मॉड्यूलेशन, लाइट और साउंड इफेक्ट्स को एआई से जोड़ा जाएगा ताकि हर दृश्य अधिक वास्तविक और दर्शनीय लगे। रामलीलाओं मेंदर्शकों को टीवी धारावाहिक रामायण जैसी तकनीक का अनुभव मिलेगा। कंप्यूटराइज्ड लाइट और साउंड के साथ भगवान हनुमान का आकाश मेंउड़ना, तलवारों से चिंगारियाँ, अग्नि तीर और विलाप के दृश्य, समुद्र की लहरें, आकाश से पुष्पवर्षा और देवी-देवताओं का आगमन मंच पर जीवंतकिया जाएगा। साथ ही, जादू शो, हास्य कवि सम्मेलन, कृष्ण-सुदामा नृत्य नाटिका, संकीर्तन और आदिवासी बच्चों के भजन भी पेश किए जाएंगे।

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