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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अमृत काल’ में जैसी घटनाएं हो रही हैं, वह बेहद चिंताजनक और अमानवीय हैं। यह कहना है पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजावड़िंग का, जिन्होंने आज प्रेस वार्ता में रूस में लापता हुए भारतीय नागरिकों का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। राजा वड़िंग के साथ इस संवाद में दोपीड़ित परिजन — जगदीप जी और खुशबू यादव जी — भी मौजूद रहे, जो पिछले डेढ़ साल से अपने लापता भाई की तलाश में हैं, जो रूस मेंरहस्यमयी हालातों में गुम हो गए हैं।
विदेश जाने का सपना, युद्ध में बदल गया – दिसंबर 2023 में भारत के 126 युवक, बेहतर जीवन की आस में सिंगापुर, मलेशिया और इटली जाने कीयोजना बनाकर एजेंटों के माध्यम से विदेश रवाना हुए थे। लेकिन धोखे से इन्हें मॉस्को (रूस) भेज दिया गया, जहां उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती करलिया गया राजा वड़िंग ने बताया कि जगदीप जी के भाई सहित पाँच युवकों को एजेंटों ने रूस भेजा, और इसके बदले 35 लाख 40 हजार रुपयेलिए। लेकिन इन्हें इटली नहीं भेजा गया, बल्कि सीधे युद्ध क्षेत्र की ओर धकेल दिया गया।


15 दिन की ट्रेनिंग, फिर थमा दी मशीनगन – इन युवकों को मात्र 15 दिनों की सैनिक ट्रेनिंग दी गई और सीधे उन्हें मशीनगन थमा दी गईं। युद्ध मेंशामिल इन 126 लोगों में से करीब 100 लोग घायल अवस्था में किसी तरह वापस लौटे, लेकिन 14 लोग आज भी लापता हैं।


जगदीप के भाई को मारने की बात – रूस से लौटे कुछ युवाओं ने बताया कि जगदीप जी के भाई को सैनिक प्रशिक्षण में कठिनाई हो रही थी, जिसकेकारण उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और अंततः मार डाला गया। हालांकि उनकी कोई पुष्टि या दस्तावेज़ी जानकारी अब तक सामने नहींआई है।


हर दरवाज़े पर फरियाद, कोई सुनवाई नहीं – जगदीप जी और खुशबू यादव जी ने अपने भाई की तलाश में हर मंत्रालय, हर दफ्तर का चक्कर लगाया, लेकिन भारत सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। विदेश मंत्रालय से लेकर गृह मंत्रालय तक, हर जगह केवल आश्वासन मिला लेकिनकार्रवाई शून्य रही।


लापता लोगों की सूची
इन 14 लापता लोगों में राज्यवार आंकड़ा इस प्रकार है
उत्तर प्रदेश के 9 लोग,पंजाब के 3 लोग,महाराष्ट्र 1 व्यक्ति,जम्मू-कश्मीर 1 व्यक्ति
राजा वड़िंग ने केंद्र सरकार से तीखा सवाल किया – क्या ‘अमृत काल’ का यही मतलब है? अपने देश के नागरिकों को ठगी और मौत के मुंह में धकेलकर सरकार चुप क्यों बैठी है? विदेशों में फंसे या लापता भारतीयों की जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी इस विषय को संसदमें उठाएगी और जब तक इन लापता युवाओं को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
मानव तस्करी और सरकारी चुप्पी – एक खतरनाक मेल यह मामला मानव तस्करी, एजेंट नेटवर्क की धोखाधड़ी और सरकारी उदासीनता का खतरनाकउदाहरण बन चुका है। भारत सरकार को न सिर्फ इसकी उच्चस्तरीय जांच करनी चाहिए, बल्कि विदेश में लापता हर नागरिक की जिम्मेदारी लेनीचाहिए। ‎

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