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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हालिया समय में भारत के संबंध में किए गए दावों को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परतंज कसा। पार्टी की तरफ से कहा गया कि हर बार जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह दावा करते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया या भारतरूस से तेल आयात घटा देगा, तब प्रधानमंत्री अचानक ‘मौनी बाबा’ बन जाते हैं। कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने एकबार फिर दावा किया है कि उनके अच्छे दोस्त ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल आयात कम करेगा। उन्होंने कहा, “लेकिन जब ट्रंप कहतेहैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोका या अब जब वे कह रहे हैं कि भारत रूस से तेल आयात घटाएगा, तो वह ‘अच्छे दोस्त’ मौनी बाबा बन जाते हैं।” रमेश ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में आगे लिखा कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 54.4 अरब डॉलर तकबढ़ गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 49.6 अरब डॉलर था।

देश अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में भी साझेदारी बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और वह तनाव घटा रहा हैऔर पीछे हट रहा है। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है। इससे पहले भारत ने गुरुवार को कहा था कि वह ऊर्जा आपूर्ति को विविध औरविस्तृत बना रहा है, ताकि बाजार की स्थिति के अनुसार उपयुक्त स्रोत सुनिश्चित किए जा सकें। ट्रंप के बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्तारणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह राष्ट्रीय हितों द्वारा निर्देशित है और देश अमेरिकी ऊर्जा क्षेत्र में भी साझेदारी बढ़ाने कीदिशा में कार्य कर रहा है।

सरकार की विदेश नीति पूरी तरह विफल हो चुकी
कांग्रेस ने गुरुवार को ही आरोप लगाया था कि मोदी ट्रंप से डरे हुए हैं और उन्होंने महत्वपूर्ण निर्णय अमेरिका को सौंप दिए हैं। पार्टी ने यह भी कहा थाकि मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह विफल हो चुकी है और केंद्र को विपक्षी नेताओं को विश्वास में लेना चाहिए। इस बीच ट्रंप प्रशासनलगातार यह आरोप लगाता रहा है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर पुतिन को युद्ध में वित्तीय मदद कर रहा है। दोनों देशों के रिश्तों में हाल ही मेंतनाव तब बढ़ गया जब ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया और रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्तशुल्क भी लगाया। भारत ने अमेरिका की इस कार्रवाई को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक बताया है।

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