
प्रशिक्षु रेलकर्मियों के लिए रेलवे मंत्रालय ने एक बड़ा एलान किया है इसके तहत मंत्रालय साफ साफ कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरानप्रशिक्षु रेलकर्मियों द्वारा घर पर बिताया गया समय भी ड्यूटी माना जाएगा, जिससे उनकी तनख्वाह में बढ़ोतरी (इंक्रिमेंट) पर इसका लाभ मिलेगा. मामले में मंत्रालय ने सात जुलाई 2025 को सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों को एक सर्कुलर जारी किया है.
मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर में बताया गया है कि यदि ट्रेनिंग के बाद कर्मचारी की नियुक्ति पक्की होती है तो ट्रेनिंग का समय ड्यूटी में गिनाजाता है. चाहे उस दौरान स्टाइपेंड मिल रहा हो या नहीं.
वेतन वृद्धि में भी सीधा लाभ मिलेगा
बता दें कि यह स्पष्टीकरण तब आया जब एक जोनल रेलवे ने मंत्रालय से पूछा कि कोरोना महामारी के दौरान घर पर बिताया गया समय भी ड्यूटीमाना जाएगा या नहीं. रेलवे मंत्रालय ने बताया कि 2020 में ही ये निर्देश दिए गए थे कि कोविड लॉकडाउन के दौरान जो प्रशिक्षु घर पर रहे, उन्हेंस्टाइपेंड दिया जाएगा. बशर्ते ये अवधि छह महीने से ज्यादा न हो. ऐसे में अब मंत्रालय ने फिर से इस मुद्दे की जांच कर कहा है कि एक बार के विशेषनिर्णय के तहत, कोविड लॉकडाउन के दौरान अधिकतम छह महीने तक घर पर रहे प्रशिक्षु रेलकर्मियों का समय ड्यूटी में गिना जाएगा और इंक्रिमेंट मेंइसका लाभ मिलेगा. कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रशिक्षु रेलकर्मियों द्वारा घर पर बिताया गया समय अब ड्यूटी में गिना जाएगा. रेलवे मंत्रालय नेसात जुलाई 2025 को सभी जोनल रेलवे को निर्देश जारी कर यह स्पष्ट किया. इसके साथ ही मंत्रालय ने ये भी बताया कि इससे कर्मियों कोवेतनवृद्धि में भी सीधा लाभ मिलेगा.
घर पर रहने की नौबत
जिन प्रशिक्षु रेलकर्मियों की ट्रेनिंग के दौरान कोविड लॉकडाउन के कारण घर पर रहने की नौबत आई थी और वे अधिकतम 6 महीने तक घर पर रहे थेउनका वह समय ड्यूटी अवधि के रूप में मान्य होगा. यदि ट्रेनिंग के बाद कर्मचारी की नियुक्ति पक्की हो जाती है. तो ट्रेनिंग का संपूर्ण समय ड्यूटी मेंगिना जाएगा, भले ही उस दौरान उन्हें स्टाइपेंड मिल रहा हो या नहीं।यह निर्णय पहले से लागू निर्देशों के आधार पर ही लिया गया है जिनमें कहा गयाथा कि 2020 में कोविड के समय स्टाइपेंड दिया जाएगा, बशर्ते अवधि 6 महीने से अधिक न हो। रेलवे मंत्रालय ने प्रशिक्षु रेलकर्मियों (Apprentice Railway Employees) के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. जिससे हजारों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा. 7 जुलाई 2025 को मंत्रालयद्वारा सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों को भेजे गए आधिकारिक सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया है रेल मंत्रालय के 7 जुलाई 2025 के सर्कुलरअनुसार यदि कोई प्रशिक्षु रेलकर्मी कोविड‑19 लॉकडाउन के 2020 की अवधि में घर पर था (छह महीने तक) और बाद में उसकी ट्रेनिंग पूर्णता केबाद स्थायी नियुक्ति हुई. तो उस घर पर बिताए गए समय को ड्यूटी अवधि माना जाएगा तथा वेतन वृद्धि में शामिल किया जाएगा.