
लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर किसी भी तरह की ज्यादती या फंसाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई कानून प्रवर्तन एजेंसियोंकी विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर की गई है। उपराज्यपाल ने लेह हिंसा में शामिल किसी को भी न बख्शने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई केनिर्देश दिए हैं। लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक समेत लेह हिंसा प्रदर्शन व हिंसा से जुड़े कुछ व्यक्तियों को लेकर लगातार आ रही तमाम मीडियारिपोर्टों पर मंगलवार की रात को स्पष्टीकरण जारी किया। प्रशासन ने किसी को फंसाने के आरोपों को निराधार बताया है और कड़ाई से इनका खंडनकिया। कहा गया कि सोनम वांगचुक के साथ व कुछ अन्य लोगों के साथ कोई ज्यादती नहीं की गई।
आधार कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विश्वसनीय सूचनाएं
प्रशासन की ओर से कहा गया कि यूटी प्रशासन ये स्पष्ट करना चाहता है कि जो भी कार्रवाई हुई है, उसका आधार कानून प्रवर्तन एजेंसियों कीविश्वसनीय सूचनाएं और दस्तावेज हैं। एजेंसियों को प्रभावित किए बिना निष्पक्ष रूप से अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।प्रशासनके बयान में कहा गया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव लर्निंग से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले जांचएजेंसियों के अधीन हैं। प्रथम दृष्टया उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। उनके एनजीओ के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला भीप्रमाणों के आधार पर लिया गया है। संगठन चाहे तो उचित मंच का सहारा ले सकता है। प्राधिकािरियों से अपील की जा सकती है। बयान मेंवांगचुक पर कई भड़काऊ बयान का दोषी पाया है।
इंटरव्यू में वांगचुक ने कहा
11 सितंबर, 2025 को एनडीएस पार्क में लद्दाख एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में वांगचुक ने कहा कि युवा कह रहे हैं कि वे शांति नहीं चाहते और महात्मागांधी के रास्ते पर चलना जरूरी नहीं है। लोग तैनात सुरक्षा बलों से नहीं डरते और अगर लोग बाहर निकलेंगे तो और भी बुरा हो सकता है। अनशन शुरूकरने से पहले वांगचुक ने 9 सितंबर को लोगों को कोविड का बहाना बनाकर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान मास्क, टोपी और हुडी आदि पहननेका सुझाव दिया जबकि लद्दाख में कोविड फैलने का कोई संकेत नहीं है। अपने यूट्यूब चैनल ‘अचोए निंगस्टाम’ (लद्दाखी दर्शकों के लिए एक समर्पितचैनल जहां वे केवल स्थानीय भाषा में बोलते हैं) पर कहा वे सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारत में अरब स्प्रिंग जैसी क्रांति लाएंगे।