
सम्राट चौधरी ने एक साक्षात्कार में कहा कि लालू यादव का ‘सामाजिक न्याय’ का मॉडल असल में परिवारवाद को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा पहलेखुद मुख्यमंत्री बने फिर पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया अब बेटे-बेटी को आगे लाने की कोशिश में लगे हैं. यही है लालू जी का सामाजिकन्याय लेकिन बिहार के विकास के लिए उनके पास कोई स्पष्ट योजना या मॉडल नहीं रहा.डिप्टी सीएम ने कहा कि लालू प्रसाद यादव को बिहार कोआगे ले जाने का एक बड़ा मौका मिला था. लेकिन उन्होंने उस अवसर को गंवा दिया. राबड़ी देवी 8 वर्षों तक सिर्फ एक रबर स्टांप की तरह मुख्यमंत्रीबनी रहीं उस दौरान भी विकास की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई उन्होंने कहा सम्राट चौधरी सहित एनडीए नेताओं का दावा है कि लालू यादव केशासनकाल में बिहार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप रही. वर्ष 2001 से 2005 के बीच राज्य की औसत जीडीपी वृद्धि दर मात्र 2.9% रही. उन्होंनेचारा घोटाले का जिक्र करते हुए राजद सरकार पर व्यापक भ्रष्टाचार, कुशासन और प्रशासनिक अराजकता के आरोप लगाए.
मजबूती के साथ बढ़ाया आगे
सम्राट चौधरी ने दावा किया कि यदि लालू यादव ने 1995 में उन्हें और उनके 22 पारिवारिक सदस्यों को जेल नहीं भेजा होता. तो वे राजनीति में नहींआते मेरे ऊपर झूठे हत्या के मुकदमे लगाए गए. मैंने तो मच्छर भी नहीं मारा था तीन साल तक केस लड़ा और तब जाकर राजनीति में आया उन्होंने कहाचौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार को विकास की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाया है बिहार कीराजनीति में नीतीश कुमार का प्रभाव स्थायी है जब मैं उनके खिलाफ था तो विरोध किया, आज जब साथ हूं तो पूरी ताकत से समर्थन कर रहा हूं. उन्होंने कहा भाजपा और एनडीए के अन्य नेताओं ने राजद के शासनकाल को ‘जंगलराज’ की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि उस दौर में कानून-व्यवस्थाचरमरा गई थी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल थीं, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव था. साथ ही, अपहरण, जातीयहिंसा और संगठित अपराध चरम पर थे, जिससे लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा. वहीं राजद और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों का कहना है किआज भी बिहार में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. विपक्ष का दावा है कि जनता इस बार बदलाव के मूड में हैऔर आगामी विधानसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन को समर्थन मिलेगा.