
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह जी ने चुनाव आयोग का रिमोट बीजेपी कार्यालय से चलने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है किचुनाव आयोग अब जनता के नहीं, बल्कि बीजेपी के आदेश पर चल रहा है. चैलेंज देने से पहले चुनाव आयोग यह जवाब दे कि वह बीजेपी केकार्यालय से क्यों संचालित हो रहा है. आज AI और तकनीक के युग में, जब सेकेंडों में दुनिया का डेटा साझा हो सकता है, तब चुनाव आयोग विपक्षऔर जनता को इलेक्ट्रॉनिक डाटा देने से क्यों डर रहा है? यह डर इस बात का सबूत है कि चुनाव की चोरी हो चुकी है और चुनाव आयोग इसमें बराबरका भागीदार है.
लोकतंत्र की है हत्या
सुनील सिंह का कहना है कि यह रवैया लोकतंत्र की हत्या है. यदि चुनाव आयोग सच में निष्पक्ष है तो तुरंत सभी EVM और मतदान से जुड़ाइलेक्ट्रॉनिक डाटा सार्वजनिक करे. वरना यह साफ समझा जाएगा कि चुनाव आयोग बीजेपी का चुनावी ठेकेदार बन चुका है. कांग्रेस नेताओं ने भीचुनाव आयोग को “बीजेपी का एजेंट” या “बीजेपी का गुलाम” कहकर आलोचनी किया है. उदाहरणस्वरूप, पवन खेड़ा ने कहा था. अगर चुनावआयोग बिचौलिया बन गया है. तो वो BJP मुख्यालय जाकर बैठ जाए. बीबीसी हिन्दी की रिपोर्ट बताती है कि विपक्ष द्वारा चुनाव आयोग कीनिष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जैसे कि वोटर लिस्ट या मतदान डेटा ना मिलना, और इसकी विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है.