NEWS अब तक

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को लोकसभा में जन विश्वास (संशोधन) विधेयक 2025 पेश करेंगे. यह विधेयक जीवन और व्यापारको सुगम बनाने के लिए कुछ छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करेगा. लोकसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित लोकसभा की कार्यसूची के अनुसार, ‘मंत्रीजन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करेंगे, जिसका उद्देश्य जीवन और व्यापार को सुगम बनाने के लिए, विश्वास-आधारित शासनको और बेहतर बनाने के लिए अपराधों को अपराधमुक्त बनाने के लिए कुछ अधिनियमों में संशोधन करना है. इस विधेयक के माध्यम से 350 सेअधिक प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है. एक अधिकारी के अनुसार, इस कदम से देश में अधिक व्यवसाय और नागरिक-केंद्रित वातावरण बनाने मेंमदद मिलेगी. यह विधेयक देश के व्यावसायिक माहौल को बेहतर बनाने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है। इससे पहले 2023 में, जन विश्वास(प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम पारित किया गया था. जिसके तहत 19 मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराधमुक्त कर दिया गया था.

अप्रचलित कानूनों को भी किया गया रद्द
इस अधिनियम के तहत सरकार ने कुछ प्रावधानों में कारावास और जुर्माने को हटा दिया है. कुछ नियमों में कारावास को हटा दिया गया और जुर्माने कोबरकरार रखा गया. जबकि कुछ मामलों में कारावास और जुर्माने को दंड में बदल दिया गया. 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी ने भी कहा ‘हमारे देश में ऐसे कानून हैं. जो सुनने में भले ही आश्चर्यजनक लगें, लेकिन इनमें मामूली बातों पर कारावास का प्रावधान हैं, औरकिसी ने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है कि ऐसे अनावश्यक कानून, जो भारतीयनागरिकों को सलाखों के पीछे डालते हैं, समाप्त किए जाएं. हमने पहले संसद में एक विधेयक पेश किया था. हम इसे इस बार फिर से लाए हैं सरकारने पहले 40,000 से ज्यादा गैरजरूरी अनुपालनों को समाप्त किया. साथ ही 1,500 से ज़्यादा अप्रचलित कानूनों को भी रद्द किया गया.

चर्चा का रखा गया प्रस्ताव
सरकार ने भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला की भारत वापसी के उपलक्ष्य में सोमवार को लोकसभा में ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत केपहले अंतरिक्ष यात्री – 2047 तक विकसित भारत के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका’ विषय पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव भी रखा है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया है कि ऐसे अनावश्यक कानून, जो भारतीय नागरिकों को सलाखों के पीछे डालते हैं समाप्तकिए जाएं. हमने पहले संसद में एक विधेयक पेश किया था हम इसे इस बार फिर से लाए हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *