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दक्षिण एशिया अब वैश्विक शक्ति-संतुलन की धुरी बनता जा रहा है और इसमें भारत की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है. हाल ही में चीन केकिंगदाओ में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का साझा घोषणा पत्र जारी नहीं हो सका क्योंकि भारत ने उस पर हस्ताक्षर करने से इसलिएमना कर दिया कि उसमें पहलगाम हमले का जिक्र नहीं था. वैश्विक स्तर पर माना जा रहा है कि भारत का रुख अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक समुदाय के लिएएक निर्णायक संकेत है कि आतंकवाद पर कतई समझौता नहीं होगा. अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों व कूटनीतिज्ञों ने भारत के इस कदम को नए भारत कीविदेश नीति में उभरती कड़ाई व प्राथमिकता निर्धारण के रूप में देखा है. वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठविश्लेषक जेम्स क्लार्क ने कहा कि भारत अब बहुपक्षीय मंचों पर सिर्फ मौजूदगी जताने नहीं आता, बल्कि वह अपनी संप्रभु सुरक्षा चिंताओं कोमजबूती से उठाने की नीति पर चल रहा है. वाशिंगटन स्थित कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के वरिष्ठ विश्लेषक एश्ले जे. टेलिस के अनुसारभारत द. एशिया का अकेला ऐसा देश है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ स्थायित्व, विश्वास और क्षेत्रीय संतुलन को मजबूती से संभाल रहा है.

भारत की है अहम भूमिका
अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के बाद जो रणनीतिक खालीपन पैदा हुआ, उसे भरने में भारत की भूमिका बेहद अहम रही है. ऑस्ट्रेलिया केरणनीतिक विश्लेषक रॉरी मेडकैफ बोले, भारत न सिर्फ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी प्रभाव संतुलित कर रहा है. बल्कि क्वॉड और हिंद-प्रशांत आर्थिकढांचे में भी अपनी भूमिका निर्णायक बना चुका है. लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस ) की रिपोर्ट कहती है किभारत अब उपभोक्ता अर्थव्यवस्था न रहकर रक्षा तकनीक, अंतरिक्ष, एआई और साइबर रक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वह आर्थिकव सैन्य आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है. कनाडा की 2024-25 की राष्ट्रीय सुरक्षा रिपोर्ट में पहली बार यह जिक्र हुआ कि वहां लंबे समय सेखालिस्तान समर्थक सक्रिय हैं. यह रिपोर्ट भारत की दीर्घकालिक आपत्तियों की पुष्टि करती है यानी कनाडा भी भारत की कूटनीति के सामने झुक गयाहै. रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत की स्थिति अब उस पड़ोसी राष्ट्र की नहीं रही जो क्षेत्रीय घटनाओं का केवल पर्यवेक्षक था. वह अब रणनीतिकनिर्णयों में भागीदार है भारत अब सिर्फ दर्शक की भूमिका में नहीं, दिशा-निर्धारक बन चुका है.

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