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भारत के महान राष्ट्रवादी नेता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर परप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा समेत कई प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं बच्चों ने भी इस दिन को खास बनाते हुएपेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने अंदाज़ में उन्हें याद किया. मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और त्याग देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिता अशुतोष मुखर्जी जो कलकत्ता उच्च न्यायालय केन्यायाधीश और कलकत्ता विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे.उन्हें उच्च शिक्षा की ओर प्रेरित किया डॉ. मुखर्जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भवानिपुर केमित्रा इंस्टीट्यूशन से प्राप्त की और बाद में प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की.

कांग्रेस से जुड़कर रखा राजनीति में कदम
उन्होंने इंग्लैंड से एम.ए. और फिर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की. डॉ. मुखर्जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़कर राजनीति मेंकदम रखा. स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सक्रिय भागीदारी रही. 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्हें भारत सरकार में उद्योग मंत्री बनाया गया. लेकिनजम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे के खिलाफ उनके विचारों के कारण उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनसंघ कीस्थापना की जो आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) का पूर्ववर्ती संगठन है. डॉ. मुखर्जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे केखिलाफ उनके संघर्ष में था. उन्होंने “एक देश में दो विधान दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे” का नारा दिया। 1953 में, बिना अनुमति के जम्मूऔर कश्मीर में प्रवेश करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 23 जून 1953 को उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई. उनकी शहादत नेपूरे देश को झकझोर दिया और कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए.

बच्चों ने याद कर बनाई पैंटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा उन्होंने देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए अतुलनीय साहस औरपुरुषार्थ का परिचय दिया. राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान हमेशा श्रद्धापूर्वक याद किया जाएगा.भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना कर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की नींव रखी. उनका जीवन देश की एकता और अखंडता के लिए समर्पित था. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किएजाते हैं. उनकी जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. उनकी याद में कई संस्थानों और सड़कों का नामकरण किया गया है जैसेदिल्ली में ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग’ और कोलकाता में ‘श्यामा प्रसाद मुखर्जी रोड’डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन देश की एकता, अखंडता औरसांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है. उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में सदैव याद रखा जाएगा. उनकी जयंती पर हमउन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं. बच्चों ने भी अपनी प्रतिभा दिखाई और पेंटिंग्स की प्रदर्शनी लगाईगई विजेताओं का नाम घोषणा के बाद सम्मानित किया गया और सहभागियों को प्रोत्साहन प्रमाणपत्र दिए गए. कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने यहसंकल्प लिया कि वे राष्ट्रप्रेम और एकता के मूल्यों को आगे बढ़ाएंगे.यह कार्यक्रम न केवल श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती का सांस्कृतिक प्रतीक बनगया. बल्कि आने वाली पीढ़ी को राष्ट्रभक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरक क़दम भी सिद्ध हुआ. उम्मीद है कि इस तरह के आयोजन और भी जगहों परप्रेरणादायक बदलाव लाएँगे.

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