
पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित परिवारों को अब अधिक इंतजार नहीं करना होगा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दु:ख की घड़ी में परिजनों की पीड़ा कमकरने के लिए पोस्टमार्टम को अधिकतम चार घंटे में करने के निर्देश दिए हैं. डिप्टी सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथीसेन शर्मा ने पोस्टमार्टम की नई गाइड लाइन जारी कर दी हैं. प्रदेश भर के पोस्टमार्टम हाउस में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है अब शव का पोस्टमार्टमअधिकतम चार घंटे में करना होगा. जिन जिलों में अधिक संख्या में पोस्टमार्टम हो रहे हैं.
इंतजार करना न पड़े
वहां सीएमओ दो या इससे अधिक डॉक्टरों की टीमें बनाकर इस संवेदनशील कार्य को संपन्न कराएं ताकि परिजनों को शव के लिए अधिक इंतजार नकरना पड़े.डिप्टी सीएम ने बताया कि सूर्यास्त के बाद नियमानुसार पोस्टमार्टम कराया जाए. जल्द से जल्द शव के साथ संबंधित अभिलेख भीपोस्टमार्टम हाउस भेजे जाएं. रात में पोस्टमार्टम की दशा में 1000 वॉट लाइट की कृत्रिम व्यवस्था की जाए. दूसरे जरूरी संसाधन भी पर्याप्त हों ताकि24 घंटे पोस्टमार्टम की कार्रवाई चलती रहे. हत्या, आत्महत्या, यौन अपराध, क्षत-विक्षत शव व संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु संबंधी प्रकरणों में रात मेंपोस्टमार्टम न कराएं जाएं. हालांकि अपरिहार्य कारणों में जिला मजिस्ट्रेट व उनके अधिकृत अधिकारी की अनुमति पर रात में भी पोस्टमार्टम कराया जासकता है.
कराई जाए वीडियोग्राफी
कानून व्यवस्था से जुड़े प्रकरण, एनकाउंटर, पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु, विवाह के प्रथम 10 वर्षों में हुई महिला की मृत्यु आदि में रात में होने वालेपोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई जाए. शासनादेश के मुताबिक पैनल के तहत होने वाले पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी अवश्य कराई जाए. इसकापैसा पीड़ित परिजनों से नहीं लिया जाए वीडियोग्राफी का भुगतान रोगी कल्याण समिति व अन्य मदों से किया जाए. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ऑनलाइनकी जाए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए. डिप्टी सीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर व दो डाटा इंट्रीऑपरेटर सीएमओ द्वारा तैनात किए जाएं शव को अस्पताल से पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम किया जाए सीएमओ प्रत्येकजिले में दो शव वाहन की व्यवस्था करें.महिला अपराध, रेप, विवाह के प्रथम 10 वर्षों के भीतर महिला की मृत्यु की दशा में पोस्टमार्टम पैनल मेंमहिला डॉक्टर अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए. अज्ञात शव की पहचान के लिए डीएन सैम्पलिंग कराई जाए.