
सबरीमाला मंदिर में स्वर्ण-पल्लवन (सोने की परत) में कथित अनियमितताओं को लेकर केरल विधानसभा में हंगामा जारी है। सदन में बुधवार (8 अक्तूबर) को उस वक्त जमकर हंगामा देखने को मिला, जब विपक्षी यूडीएफ सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों में तीखी नोंकझोंक हो गई। विपक्ष केविधायक देवस्वम मंत्री वी एन वासवन के इस्तीफे की मांग उठा रहे थे। इस दौरान निगरानी कर्मियों के साथ हाथापाई हो गई। इतना ही नहीं विपक्षीविधायकों ने सदन के वेल में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों के साथ तीखी बहस भी की। दरअसल, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ विधायक सोमवार से हीसदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं और सबरीमाला मंदिर में ‘द्वारपालक’ मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने वाले आवरण के वजन में कमी से जुड़ीकथित अनियमितताओं को लेकर देवस्वम मंत्री वी एन वासवन के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं।
विपक्षी सदस्यों ने निगरानी कर्मियों को मारा
इस बीच सदन में हंगामा जारी रहने पर विधानसभा अध्यक्ष एएन शमसीर ने प्रश्नकाल बीच में ही रद्द कर दिया। बता दें कि विपक्षी विधायकों कीहाथापाई उस वक्त शुरू हुई, जब सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी प्रश्नकाल के दौरान बोल रहे थे। अपने संबोधन में शिवनकुट्टी ने स्पीकर केआसन के सामने विपक्ष के प्रदर्शन और बैनर फहराने पर कड़ी नाराजगी जताई। इस बीच अचानक स्पीकर के आसन के चारों ओर खड़े निगरानी कर्मियोंऔर सदन के आसन के पास धरना दे रहे यूडीएफ विधायकों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। वहीं मंत्री शिवनकुट्टी ने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों नेनिगरानी कर्मियों को मारा।
नोटिस देने का “साहस” क्यों नहीं दिखा रहे
हालांकि बाद में सत्ता पक्ष के सदस्य भी सदन के आसन के पास पहुंचे और विपक्षी विधायकों के साथ तीखी बहस शुरू कर दी, जिसके बादविधानसभा अध्यक्ष ने सत्र को अस्थायी रूप से रद्द करने की घोषणा की। बता दें कि सबरीमाला मंदिर सोना चोरी मामले में यूडीएफ पहले ही घोषणाकर चुका था कि जब तक मंदिर में कथित अनियमितताओं को लेकर देवस्वम मंत्री इस्तीफा नहीं दे देते, तब तक वे सदन की कार्यवाही में सहयोग नहींकरेंगे। विपक्ष ने लगातार तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान नारे लगाते हुए तख्तियों और बैनर के साथ सदन के आसन के सामने धरना भी दिया। सत्र शुरूहोते ही विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने आरोप लगाया कि भगवान अयप्पा मंदिर की द्वारपालक मूर्तियों को ले जाकर बाहर बेच दिया गया है।“पानी, बिजली, सफाई के लिए संघर्ष: धोलका की बस्तियों का दर्द” उन्होंने कहा, “हमारा निर्णय है कि जब तक देवस्वम मंत्री वी.एन वासवनइस्तीफा नहीं दे देते और त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड के सदस्यों को बाहर नहीं निकाल दिया जाता, तब तक हम सदन की कार्यवाही में सहयोग नहींकरेंगे।” इधर, संसदीय कार्य मंत्री एम.बी. राजेश ने विपक्ष के रुख पर सवाल उठाया और जानना चाहा कि वे इस मामले पर चर्चा के लिए नोटिस देनेका “साहस” क्यों नहीं दिखा रहे हैं?