
कर्नाटक के एक मंत्री ने कहा है कि सितंबर के बाद राज्य में बड़े राजनीतिक बदलाव हो सकते हैं. मंत्री के इस बयान के बाद चर्चाओं का दौर शुरू होगया है. जब इस बारे में सीएम सिद्धारमैया से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बयान पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. गौरतलब है किकर्नाटक में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तब सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल सीएम बनने के फार्मूले पर सहमति बनने कीखबरें सामने आईं थी. यही वजह है कि मंत्री के ताजा बयान ने फिर से इस बदलाव को हवा दे दी है.
राष्ट्रीय राजनीति का है सवाल
कर्नाटक सरकार में मंत्री केएन राजन्ना ने कहा कि ‘जहां तक कर्नाटक और राष्ट्रीय राजनीति का सवाल है सितंबर के बाद इनमें बड़े बदलाव देखने कोमिलेंगे हम कर्नाटक के लोग सिर्फ सीएम, राष्ट्रपति और कैबिनेट में बदलाव के बारे में ही सोचते हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर ये भी ध्यान रखना चाहिए किजो 75 साल के हो गए हैं. वे सार्वजनिक पद पर नहीं हो सकते यह भाजपा और संघ की नीति है। इस नीति के तहत देश को नया प्रधानमंत्री भी मिलसकता है. राजन्ना ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस पार्टी में भी बदलाव की मांग थी, कई लोग मंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ‘कर्नाटक कांग्रेस पार्टीऔर सरकार में भी बदलाव की मांग उठ रही है कई लोग मंत्री बनना चाहते हैं कई लोगों के अपने एजेंडे हैं और जिसके जो भी एजेंडे हैं वो सितंबर केबाद आकार ले सकते हैं.
टिप्पणी को कर दिया गया खारिज
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने केएन राजन्ना की टिप्पणी को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि इन बयानों को नजरअंदाज कियाजाए. कर्नाटक विधानसौधा में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि पार्टी के भीतर कोई आंतरिक विवाद नहीं हैं. केएन राजन्ना ने जो कहा हैकि ‘वह शायद राज्य की राजनीति को लेकर कहा हो लेकिन उन्होंने ये नहीं कहा कि ऐसा कुछ होने वाला है. इसलिए बेहतर होगा कि उनकी टिप्पणीको नजरअंदाज किया जाए. केएन राजन्ना ने कहा कि ‘कर्नाटक कांग्रेस पार्टी और सरकार में भी बदलाव की मांग उठ रही है कई लोग मंत्री बनना चाहतेहैं कई लोगों के अपने एजेंडे हैं और जिसके जो भी एजेंडे हैं वो सितंबर के बाद आकार ले सकते हैं.