
Bihar Politics: बिहार के बड़े उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के बाद सियासत गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार कोइस मामले पर घेरा. मामला बढ़ते देख सीएम नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बिहार के डीजीपी विनयकुमार और अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुयेकहा कि अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें. लापरवाही बरतनेवाले पदाधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. बैठक में सीएम नीतीश कुमार को पुलिस महानिदेशक ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी.
जांचोपरांत करें कठोर कार्यवाही
मुख्यमंत्री ने उद्योगपति गोपाल खेमका की हुई हत्या के संबंध में बिहार के डीजीपी से विस्तृत जानकारी ली. सीएम ने कहा कि यदि आपराधिक घटनाके पीछे किसी प्रकार की साजिश है तो उसकी भी जांच की जाय और जांचोपरांत कठोर कार्रवाई करें. समीक्षा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहाकि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपराध करनेवाले कोई भी हों. उन्हें किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाये. उन्होंने कहा कि घटितआपराधिक घटनाओं के अनुसंधान कार्यों में तेजी लाये और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर त्वरित कार्रवाई हो सके. कानून व्यवस्था को बनायेरखने के लिये पुलिस और प्रशासन पूरी मुश्तैदी से कार्य करें।गोपाल खेमका मर्डर केस के बाद बिहार पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष ने भीसरकार को घेरने की कोशिश की. इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें यह निर्देश दिया. सूत्रोंके मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी से गोपाल खेमका हत्याकांड पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
व्यापारी नहीं है सुरक्षित
साथ ही उन्होंने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि अनुसंधान कार्यों में तेजी लाएं और केस को टाइमबाउंड तरीके से निपटाएं, ताकि जनताका विश्वास कानून व्यवस्था में बना रहे. पुलिस फिलहाल विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है. व्यक्तिगत दुश्मनी, व्यवसायिक विवाद याफिर संपत्ति को लेकर कोई साजिश. कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है. तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा “यह सरकार सिर्फघोषणाओं और बैठकों तक सीमित है. जमीनी हकीकत यह है कि अब व्यापारी तक सुरक्षित नहीं हैं। जनता को डर के साए में जीने पर मजबूर कियाजा रहा है.उन्होंने सवाल उठाया कि अगर राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त है, तो दिनदहाड़े एक नामी उद्योगपति की हत्या कैसे हो जाती है? गोपालखेमका की हत्या न सिर्फ एक व्यक्ति की जान जाने का मामला है, बल्कि यह घटना बिहार की कानून व्यवस्था, राजनीतिक संवेदनशीलता औरप्रशासनिक सख्ती की परीक्षा बन गई है. विपक्ष इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकता है और सरकार के लिए यह एक तत्काल कार्रवाई की कसौटी बनगया है.