
भारत सरकार ने सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा के लिए चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे की पुष्टि कर दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिकबयान में कहा कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीनी विदेश मंत्रीवांग यी 18-19 अगस्त 2025 को भारत दौरे पर आएंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी वांग यी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे. वांग यी के भारतदौरे पर भारत-चीन सीमा के सवाल पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 24वें दौर की बैठक होगी. इस बैठक में चीन की तरफ से विशेषप्रतिनिधि वांग यी और भारत की तरफ से एनएसए अजीत डोभाल शामिल होंगे.
ट्रंप प्रशासन ने की आलोचना
चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर वांग यी के भारत दौरे की जानकारी दी. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘सीपीसी केंद्रीय समिति केराजनीतिक ब्यूरो के सदस्य, विदेश मंत्री और चीन-भारत सीमा विवाद पर चीन के विशेष प्रतिनिधि वांग यी 18 से 20 अगस्त तक भारत का दौराकरेंगे. भारतीय पक्ष के निमंत्रण पर सीमा विवाद पर चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 24वें दौर की बैठक होगी. वांग यी का यह दौराऐसे समय में हो रहा है, जब रूस से तेल खरीदने के लिए अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. भारत ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले कीआलोचना की और भारी-भरकम टैरिफ को अन्यायपूर्ण बताया. अमेरिका के टैरिफ के एलान के तुरंत बाद भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने रूस कादौरा किया. इसके बाद डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को सीमा विवाद पर बातचीत के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे वांग यी नेस्वीकार कर लिया.
2019 में किया था भारत का दौरा
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए चीन दौरे पर जाएंगे. चीन 31 अगस्तसे 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. प्रधानमंत्री मोदी पिछली बार जून 2018 में चीन दौरे पर गए थे इसकेबाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2019 में भारत का दौरा किया था. हालांकि, पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के कारण दोनों देशों केबीच संबंधों तल्खी आ गई थी. हालांकि कई दौर की बातचीत के बाद सीमा पर तनाव कम हुआ. सीमा पर तनाव कम होने के बाद अक्टूबर, 2024 मेंरूस के कजान शहर में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच बैठक हुई. इस बैठक में दोनों देशों के बीच के विभिन्न मुद्दों पर सहमति केलिए बातचीत को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक बैठक में भाग लेनेके लिए चीन दौरे पर जाएंगे. चीन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.