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सुपर स्पेशियलिटी कैंसर अस्पताल हर्रावाला के संचालन पर कैबिनेट में फैसला होगा. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर अस्पताल कासंचालन राजीव गांधी कैंसर संस्थान नई दिल्ली को देने की तैयारी चल रही है. कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए देहरादून केहर्रावाला में 106 करोड़ की लागत से 300 बेड का सुपर स्पेशियलिटी कैंसर अस्पताल बन कर तैयार है. प्रदेश सरकार कैंसर अस्पताल को पीपीपीमोड पर संचालित करने का फैसला ले चुकी है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल के संचालन के लिए राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधानकेंद्र के साथ वार्ता हो चुकी है। इस पर फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा. बता दें कि वर्ष 2020 में सुपर स्पेशियलिटी कैंसर अस्पताल का शिलान्यासकिया गया था. इस अस्पताल का निर्माण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत केंद्र व प्रदेश सरकार के वित्तीय सहयोग से किया गया.

इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा दूसरे राज्यों में
अस्पताल के शुरू होने से कैंसर मरीज को इलाज के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें कैंसर से संबंधित सभी जांच, परामर्श, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी व अन्य उच्च स्तरीय सर्जरी की सुविधा अस्पताल में मिलेगी. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि कैंसर अस्पताल को पीपीपीमोड पर चलाने के लिए राजीव गांधी कैंसर संस्थान से बात चल रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सुपर स्पेशियलिटी कैंसर अस्पताल हर्रावाला केसंचालन के लिए राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र के साथ वार्ता हो चुकी है इस पर फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा. PPP मॉडल मेंअस्पताल निर्माण की लागत राज्य-केन्द्र साझेदारी से उठाई गई थी और अब संचालन की जिम्मेदारी निजी (या गोव-पार्टनर NGO) संस्था को दीजाएगी. जिससे गुणवत्ता और दक्षता में सुधार की उम्मीद है.

संचालित करने का प्रस्ताव किया तैयार
राज्य सरकार ने अस्पताल को PPP मोड पर लीज़ (lease) देकर संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके लिए राजीव गांधी कैंसर संस्थान, नई दिल्ली के साथ वार्ता चल रही है, जिसे अंतिम मंज़ूरी के लिए कैबिनेट में विचारार्थ रखा जाएगा. पहले से कई बार टेंडर निकाले जा चुके हैं लेकिनज्यादातर में कोई आगे नहीं आया. अब राजीव गांधी कैंसर संस्थान को प्राथमिकता दी जा रही है यह अस्पताल राज्य में कैंसर उपचार की पहली ऐसीसुव्यवस्थित सुविधा है. जिससे मरीजों को राज्य से बाहर इलाज कराना नहीं पड़ेगा, समय और आर्थिक बचत होगी. PPP मोड से अनुमान है किप्रचालन बेहतर गुणवत्ता, दक्ष मानव संसाधन और निरंतर सेवाएं सुनिश्चित होंगी.यह अस्पताल राज्य में कैंसर उपचार की पहली ऐसी सुव्यवस्थितसुविधा है. जिससे मरीजों को राज्य से बाहर इलाज कराना नहीं पड़ेगा समय और आर्थिक बचत होगी.पहले से कई बार टेंडर निकाले जा चुके हैं लेकिनज्यादातर में कोई आगे नहीं आया अब राजीव गांधी कैंसर संस्थान को प्राथमिकता दी जा रही है.

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