
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अब ब्रासीलिया जाएंगे. जहां उन्हें राजकीय अतिथि का सम्मान दिया जाएगा. ब्राजील मेंभारत के राजदूत दिनेश भाटिया ने कहा कि यह 57 साल में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ब्राजील का पहला राजकीय दौरा है. भाटिया नेकहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं, जिनमें अक्षय ऊर्जा, आतंकवाद से निपटना कृषि में अनुसंधानसहयोग साथ ही गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान के समझौते शामिल हैं.एक प्रेस वार्ता में भारत के आर्थिक संबंधों के सचिव दम्मू रवि ने ब्रिक्ससम्मेलन को लेकर कहा कि ‘तेजी से बदलती दुनिया में ब्रिक्स सम्मेलन की काफी अहमियत है.
पाकिस्तान पर साधा निशाना
भारत, ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य देश है और अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता भारत करेगा. प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन में दोहराया कि 20वीं सदीके वैश्विक संगठनों में 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने की क्षमता का अभाव है. उन्होंने बहुपक्षीय संगठनों में सुधार के महत्व को रेखांकित किया. प्रधानमंत्री ने वैश्विक शासन संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, आईएमएफ, विश्व बैंक और डब्लूटीओ में तत्काल सुधार की मांग की.दम्मू रवि नेकहा कि ‘ब्रिक्स सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने भारत का समर्थन किया और पहलगाम आतंकी हमले पर मजबूत समर्थन दिया. प्रधानमंत्री ने इस बातपर जोर दिया कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला पूरी मानवता पर हमला है. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों को वित्तपोषित करने उन्हें बढ़ावादेने और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वालों से कठोरतम तरीके से निपटा जाना चाहिए. यह हमारे पड़ोसी को साफ संदेश है. प्रधानमंत्री ने कहा किब्रिक्स बहुध्रुवीय विश्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
मिगुएल डियाज कानेल से भी की मुलाकात
उन्होंने ब्रिक्स समूह में विज्ञान और अनुसंधान भंडार स्थापित करने पर विचार को लेकर भी कुछ सुझाव दिए.आर्थिक संबंधों के सचिव दम्मू रवि नेबताया कि प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कानेल से भी मुलाकात की. इस मुलाकात में क्यूबा के राष्ट्रपति नेभारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और यूपीआई के संभावित फायदों में गहरी रुचि दिखाई. साथ ही क्यूबा आयुर्वेद को भी मान्यता दे सकता हैऔर अपने स्वास्थ्य सिस्टम में आयुर्वेदिक उपचार पद्धति को भी शामिल कर सकता है. दोनों नेताओं के बीच इसे लेकर बातचीत हुई. प्रधानमंत्री नेब्रिक्स सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला पूरी मानवता पर हमला है. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों कोवित्तपोषित करने उन्हें बढ़ावा देने और सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वालों से कठोरतम तरीके से निपटा जाना चाहिए. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी नेपहलगाम हमले को “पूरी मानवता पर हमला” करार देते हुए कहा कि आतंकवादियों का वित्तपोषण और सुरक्षित आश्रय देने वालों को “कठोरतमतरीके” से निपटना चाहिए. यह स्पष्ट संदेश उन देशों के लिए भी था जो आतंक फैलाने वाले नेटवर्क को छुपाते हैं.