दुनिया घूमने वाले भारतीयों के मन में एक कसक हमेशा रहती है कि काश उनके देश की राजधानी दिल्ली भी विकसित देशों की राजधानी जैसी होती. हरियाली, साफ-स्वच्छ यमुना, प्रदूषण से मुक्त हवा, ट्रैफिक जाम से मुक्त सड़कें, आवागमन के तेज सुविधाजनक सर्व सुलभ साधन, ऊंची-ऊंचीइमारतें, अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षा और खेल के परिसर, सुंदर और चमकदार एम्यूजमेंट पार्क, बड़े पांच सिताराअंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से युक्त होटल इसकी पहचान होते तो बेहतर होता. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगोंसे ऐसी ही दिल्ली बनाने का वादा किया था क्या दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार इसी दिशा में काम कर रही है. रेखा गुप्ता सरकार के पहले सौ दिन केकामकाज को देखें तो साफ संकेत मिलता है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को हकीकत बनाने के लिए सही दिशा में और एक सोची-समझीरणनीति के साथ कदम उठा रही है। यमुना की सफाई हो या गरीबों को आवास सुविधा देते हुए झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का काम जारी है. बाजारोंमें अवैध रेहड़ी-पटरियों को हटाकर फुटपाथों-सड़कों का चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पुराने वाहनोंको सड़कों से हटाने, नए सुलभ देवी बसों का संचालन और मेट्रो के नए विस्तार को हरी झंडी मिल चुकी है. कूड़े के निस्तारण और हरियाली बढ़ाने केप्रयासों को भी शुरू किया जा चुका है नए विश्वविद्यालय, शैक्षणिक परिसर खोलने को अनुमति मिल चुकी है.
झीलों के पुनरुद्धार के लिए योजना पर चल रहा काम
झीलों के पुनरुद्धार के लिए योजना पर काम चल रहा है दिल्ली को पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक रणनीति पर काम चल रहा है. इनकार्यों का जमीनी असर दिखाई देने में समय लगेगा, लेकिन रेखा गुप्ता सरकार ने हर समस्या को सुलझाने के लिए कदम उठाए हैं. दिल्ली की सबसेबड़ी चुनौती यहां 1760 के करीब अवैध झुग्गी-बस्तियां हैं. दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए और यहां के लोगों का जीवन स्तर सुधारने केलिए सरकार को इन बस्तियों का उसी तर्ज पर विकास करना होगा जिस तर्ज पर मुंबई की धारावी का विकास किया जा रहा है. यानी गरीब झुग्गी-बस्तियों की उन्हीं जगहों पर ऊंची-ऊंची बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएं उनमें गरीबों को आवास दिए जाएं, और शेष भूखंड का इस्तेमाल विकास केलिए अन्य सुविधाएं विकसित करने के लिए किया जाए. यमुना में गंदा पानी किसी भी कीमत पर न गिरे, ऐसा उपाय किए बिना यमुना को साफ नहींकिया जा सकता. दिल्ली सरकार ने नजफगढ़ नाले को लेकर एक योजना तैयार कर दी है इस पर काम चल रहा है लेकिन सरकार की कोशिश होनीचाहिए कि वह एक साथ दिल्ली के सभी बड़े 22 नालों पर बड़े एसटीपी विकसित करे जो पानी को शोधित करने का काम करें. सरकार ने पुराने वाहनोंको सड़कों पर हटाने, उन्हें ईंधन न देने और नए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने की नीतियां बनाई हैं. मेट्रो, देवी बसों और ई-वाहनों को बढ़ावा देकर वायुप्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद मिल सकती है. लेकिन हर आधे किलोमीटर पर सर्वसुलभ सस्ता और उपयोगी सार्वजनिक वाहन उपलब्ध कराकर हीनिजी वाहनों को सड़कों से कम किया जा सकता है. सरकार को विशेष स्थानों पर नो वेहिकल जोन बनाने और निजी वाहन रखने पर बड़ा चार्ज लगानेसे नहीं चूकना चाहिए.