
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर एक ऐतिहासिक और पारदर्शी नीति की घोषणा की है। मुख्यमंत्रीने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब कांवड़ सेवा को भ्रष्टाचार से मुक्त करते हुए आधुनिक और पारदर्शी प्रणाली के तहत संचालित किया जाएगा, जिससेहजारों श्रद्धालुओं और कांवड़ सेवा समितियों को सीधा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा पिछली सरकारों में यह पूरा सिस्टम भ्रष्टाचार काअड्डा बन गया था। केवल एक-दो लोगों को ठेके मिलते थे और असली कांवड़ समितियां वंचित रह जाती थीं। अब सरकार ने तय किया है कि किसीभी टेंडर की जरूरत नहीं होगी। केवल रजिस्टर्ड समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से राशि दी जाएगी।
सिंगल विंडो सिस्टम – सिर्फ 72 घंटे में मंजूरी – दिल्ली के सभी 11 जिलों के डीएम ऑफिसों में सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए आवेदन की प्रक्रियाशुरू की जाएगी। आवेदन करने के 72 घंटे के भीतर अनुमति और सहायता प्रदान की जाएगी। पहले जहां वर्षों तक बिलों का भुगतान नहीं होता था, अब सिर्फ तीन महीने में अकाउंट्स क्लियर कर दिए जाएंगे।
चार कैटेगरी में आर्थिक सहायता
नई नीति के तहत सरकार चार श्रेणियों में सहायता देगी,जिसमें 50,000 रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की राशि समितियों को दी जाएगी।
50% राशि पहले, और 50% कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद दी जाएगी।
बिजली और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था – कांवड़ समितियों की सबसे बड़ी मांग, बिजली को भी सरकार ने पूरा किया है। अब हर समिति को 1200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाएगी। इसके साथ ही
सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को सेवा कार्यों में लगाया जाएगा।, ट्रैफिक और सुरक्षा की विस्तृत योजना तैयार की गई है।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी आसान
रजिस्टर्ड समितियों को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन जो समितियां रजिस्टर्ड नहीं हैं, वे भी आवेदन कर सकेंगी। फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व के आधार परसभी आवेदनों पर कार्रवाई होगी।
धार्मिक समिति की निगरानी- इस पूरी योजना की निगरानी मुख्यमंत्री धार्मिक समिति के माध्यम से की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता कपिल मिश्राकरेंगे। इस समिति में चार विधायक भी मौजूद रहेंगे, ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा हमें खुशी है कि अब कांवड़सेवा सही हाथों में पहुंचेगी। सेवा में लगे लोगों का सम्मान होगा, और दिल्ली एक नई धार्मिक-सेवा नीति की मिसाल बनेगी। यह नई नीति न केवलकांवड़ सेवा समितियों के लिए राहत है, बल्कि एक उदाहरण है कि धार्मिक आयोजनों को भी पारदर्शिता, जवाबदेही और आधुनिक प्रणाली के जरिएबेहतर ढंग से संचालित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह कदम दिल्ली में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा और साहसी निर्णयमाना जा रहा है।