
गृह मंत्री ने कहा कि आपातकाल परिस्थिति और मजबूरी की नहीं बल्कि तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख की उपज होता है. शाह ने यह भीकहा कि 25 जून सभी को याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जा सकती है. देश में आपातकाल 25 जून 1975 को लगा थाजिसके 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर बुधवार को भाजपा देशभर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन करेगी. विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के जरियेलोगों को आपातकाल के काले दौर की याद दिलाई जाएगी. जिला स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में मीसा बंदियों का सम्मान किया जाएगा. आपातकाल की 50वीं बरसी की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास की ओर से आयोजित आपातकाल के 50 साल कार्यक्रम मेंशाह ने कहा कि जब 11 जुलाई 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णय किया कि हर वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाया जाएगा.
देश में आपातकाल लगा था 25 जून
तब यह सवाल उठे कि 50 साल पहले हुई किसी घटना पर बात करके आज क्या हासिल होगा? उन्होंने कहा कि जब किसी अच्छी या बुरी राष्ट्रीयघटना के 50 साल पूरे होते हैं. तो सामाजिक जीवन में इसकी याद्दाश्त धुंधली हो जाती है और अगर आपातकाल जैसी लोकतंत्र की नींव हिलाने वालीघटना को लेकर समाज की याददाश्त धुंधली होती है तो यह किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए बहुत बड़ा खतरा होता है.उन्होंने कहा कि मन के भावदरअसल मानव प्रकृति के भाव हैं, जो कभी न कभी दोबारा उभर कर देश और समाज के सामने चुनौती बनकर आ सकते हैं शाह ने कहा कि भारतलोकतंत्र की जननी है यहां तानाशाही को स्वीकार नहीं किया जा सकता. देश में आपातकाल 25 जून 1975 को लगा था. जिसके 50 वर्ष पूरे होने केमौके पर बुधवार को भाजपा देशभर में संविधान हत्या दिवस का आयोजन करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सत्ता के लिए किस हद तक जासकती है इसका सबसे बड़ा उदाहरण आपातकाल है इस दिन की याद दिलाना आवश्यक है ताकि युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के महत्व और उसकी रक्षाकी जिम्मेदारी का एहसास कराया जा सके.