
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना ने बड़ा राजनीतिक संकेत देते हुए कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार में इस समय कई “पावर सेंटर” कामकर रहे हैं और सितंबर के बाद राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब कैबिनेटविस्तार और नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. राजधानी में मीडिया से बातचीत में राजन्ना ने कहा, “सितंबर बीत जाने दीजिए. फिरराज्य की राजनीति में घटनाक्रम शुरू होंगे जब उनसे पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले जैसे नहीं रहे तो उन्होंने कहा, “2013 से 2018 केबीच सिर्फ एक ही पावर सेंटर था लेकिन अब एक नहीं कई पावर सेंटर हो गए हैं.
संभालना होता है मुश्किल
जब ऐसा होता है तो सरकार और पार्टी दोनों को संभालना मुश्किल होता है. सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले राजन्ना ने माना कि आम जनता भीअब मुख्यमंत्री में पहले जैसा तेज नहीं देख रही है. वहीं राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री सतीश जरकीहोली ने भी संकेत दिए कि साल के अंत तककुछ राजनीतिक बदलाव संभव हैं लेकिन वे बड़े नहीं होंगे। उन्होंने कहा, “मुझे कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखता लेकिन कुछ छोटे बदलाव हो सकते हैं. जब उनसे कैबिनेट विस्तार को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “कुछ बदलाव हो सकते हैं, लेकिन बहुत बड़े नहीं. कांग्रेस पार्टी केभीतर पिछले कुछ समय से यह चर्चा तेज़ है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के बीच सत्ता के बंटवारे को लेकर कोईआंतरिक समझौता हुआ था.
संभावना जा रही जताई
इसी के आधार पर साल के अंत में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना जताई जा रही है. हालांकि पार्टी हाईकमान ने इस विषय पर सख्त रुख अपनाया हुआहै. साथ ही कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी संभावित बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं जो फिलहाल शिवकुमार के पास है। हाल ही मेंपार्टी के कुछ विधायकों ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए असंतोष जाहिर किया है जिससे कांग्रेस के भीतर मतभेद और ज्यादा स्पष्ट हो रहेहैं.कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना ने संकेत दिया है कि सितंबर के बाद राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण घटनाक्रम हो सकते हैं. उन्होंने कहाकि वर्तमान में कांग्रेस में कई ‘पावर सेंटर’ सक्रिय हैं जिससे सरकार और संगठन दोनों को संतुलित रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है.