
तेलुगु सिनेमा की दुनिया में एक दुखद खबर सामने आई है ऑस्कर विजेता संगीतकार एमएम कीरवानी के पिता और मशहूर गीतकार और लेखक शिवशक्ति दत्ता का सोमवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकेनिधन से न सिर्फ कीरावनी का परिवार, बल्कि पूरी दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब गई है. शिव शक्ति दत्ता न सिर्फ एक गीतकार थे. बल्किउन्होंने अपने अपने लेखन से तेलुगु सिनेमा को अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने ‘बाहुबली’, ‘आरआरआर’, ‘मगधीरा’, ‘राजन्ना’ और ‘श्रीरामदासु’ जैसीब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया। दत्ता जी के लिखे गीतों में पौराणिकता की झलक और गहराई देखने को मिलती थी.
दर्शकों की स्मृति में है बसे हुए
‘साहोरे बाहुबली’, ‘रामम राघवम’, ‘ममता थल्ली’ और ‘अम्मा अवनी’ जैसे गीत आज भी दर्शकों की स्मृति में बसे हुए हैं. शिव शक्ति दत्ता का परिवारभी भारतीय सिनेमा के स्तंभों में गिना जाता है. उनके बेटे एमएम कीरावनी, भतीजे एसएस राजामौली और भाई वी विजयेंद्र प्रसाद- तीनों ही भारतीयफिल्म जगत में नामचीन हस्तियां हैं. यही नहीं उनके एक और बेटे कल्याणी मलिक भी संगीतकार हैं और भतीजी एमएम श्रीलेखा जानी-मानी गायिकाऔर संगीतकार हैं. दत्ता जी ने सिर्फ गीत लेखन ही नहीं किया बल्कि उन्होंने निर्देशन और पटकथा लेखन में भी अपनी प्रतिभा दिखाई. ‘चंद्रहास’ जैसीफिल्म का निर्देशन उन्होंने किया था. जबकि नागार्जुन की फिल्म ‘जानकी रामुडु’ की कहानी भी उन्होंने ही लिखी थी. उनके लेखन में भारतीय संस्कृति, परंपरा और भावनाओं का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है.
तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री से लेकर राजनीतिक गलियारों तक शोक की लहर दौड़ गई. अभिनेता और नेता पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देतेहुए लिखा, ‘श्री शिव शक्ति दत्ता जी के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ. वे कला और साहित्य के सच्चे प्रेमी थे. उनके गीतों में संस्कृत और तेलुगुका अद्भुत समावेश देखने को मिलता है. मेरा दिल से संवेदना कीरवाणी गारू और उनके परिवार के साथ है. पवन कल्याण के अलावा भी कई सेलेब्सने उन्हें अलविदा कहा। उनके निधन पर दुख जताया.
शक्ति दत्ता का हुआ निधन
तेलुगु इंडस्ट्री के दिग्गज लेखक और गीतकार शिव शक्ति दत्ता का निधन हो गया है. 92 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. कोडुरी सुब्बाराव के नाम से जन्मे शिव शक्ति दत्ता का जन्म 8 अक्टूबर 1932 को आंध्रप्रदेश के कोव्वर में हुआ था. उन्होंने ‘कर्मलेश’ नाम से पेंटिंग भीकी और बाद में नाम बदलकर शिव शक्ति दत्ता रखा. ये जानकारी लोकप्रिय विकीऍप पेज पर भी उपलब्ध है आर्टस के प्रति रुझान के चलते उन्होंनेमुंबई की प्रसिद्ध सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से डिप्लोमा किया और फिर तेलुगु सिनेमा में पंटे बिखेरे । संगीत–संस्कृति के प्रति उनके समर्पण को‘Mamathala Thalli’, ‘Raamam Raghavam’, ‘Nalla Nallani Kalla’ जैसे गीतों से जाना जाता है. कोडुरी सुब्बाराव के नाम से जन्मेशिव शक्ति दत्ता का जन्म 8 अक्टूबर 1932 को आंध्रप्रदेश के कोव्वर में हुआ था. उन्होंने ‘कर्मलेश’ नाम से पेंटिंग भी की और बाद में नाम बदलकरशिव शक्ति दत्ता रखा.