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भाजपा सरकार और नगर निगम के शिक्षा विभाग की नीतियों और कामकाज को लेकर आम जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। एक ओर दिल्ली मेंचारों ओर जलभराव से जनता बेहाल रही, वहीं दूसरी ओर दलित कर्मचारियों के साथ हो रहा भेदभाव एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
आम आदमी पार्टी नेता अंकुश नरंग ने दोनों मुद्दों पर कड़ा हमला करते हुए कहा कि भाजपा और उसके विभाग मिलकर न केवल भ्रष्टाचार कर रहे हैं, बल्कि दलित समाज के अधिकारों का भी खुला हनन कर रहे हैं।


दलित कर्मचारियों को बराबरी से वंचित कर रहा है शिक्षा विभाग – अंकुश नरंग ने कहा कि नगर निगम के शिक्षा विभाग ने पहले वरिष्ठता सूची(सीनियॉरिटी सूची) में भारी गड़बड़ी की, और अब पदोन्नति सूची में भी दलित कर्मचारियों के साथ खुला भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने आरोपलगाया कि दलितों को जानबूझकर पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा है, ताकि उन्हें आगे बढ़ने का अधिकार न मिले। उन्होंने यह भी याद दिलाया किभाजपा सरकार पहले भी दलित सफाई कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही थी, अब वही अन्याय शिक्षा विभाग में भी दोहराया जा रहा है। यह रवैयास्पष्ट रूप से दिखाता है कि भाजपा के शासन में दलितों के अधिकार सुरक्षित नहीं हैं।


दिल्ली की सड़कों पर फैला पानी, दावे रह गए कागज़ों में, दूसरी ओर, मानसून की पहली ही बारिश में दिल्ली की सड़कों पर जलभराव ने सरकार कीतैयारी की पोल खोल दी। अंकुश नरंग ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री और मेयर ने मानसून से पहले बड़े-बड़े दावे किए थे मुख्यमंत्री ने कहा किमानसून को लेकर सभी आवश्यक कदम उठा लिए गए हैं.


लोक निर्माण विभाग मंत्री ने कहा कि 400 स्थानों की पहचान कर अधिकारियों की ज़िम्मेदारी तय कर दी गई है और मेयर ने तो यहाँ तक कहा किदिल्लीवासी मानसून का आनंद लेंगे लेकिन हकीकत यह रही कि पूरी दिल्ली जल में डूबी रही। सड़कों पर गाड़ियाँ फंसी रहीं, नालियाँ उफनती रहीं, लोग परेशान होते रहे। अंकुश नरंग ने सवाल किया कि जब सरकार के मंत्री खुद कहते हैं कि जलभराव हुआ तो अधिकारी निलंबित होंगे, तो अब किसअधिकारी को निलंबित किया गया? उन्होंने कहा, पूरा प्रशासन नाकाम साबित हुआ और जनता को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिनजिम्मेदार कोई नहीं ठहरा।
भाजपा सरकार केवल झूठे वादे करती है – अंकुश नरंग ने कहा कि अब दिल्ली की जनता को अच्छी तरह समझ में आ गया है कि भाजपा केवल झूठेवादों की राजनीति करती है, ज़मीनी स्तर पर न तो कोई तैयारी होती है, न कोई जवाबदेही। उन्होंने जनता से अपील की कि अपने अधिकारों के लिएसजग रहें और ऐसी सरकार से सवाल करें, जो सिर्फ दिखावे की राजनीति करती है और जनता की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती।

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