
पंजाब कैबिनेट में बेअदबी बिल को मंजूरी दे दी गई है मंजूरी मिलने के बाद आज ही बिल को विधानसभा में पेश किया जा सकता है. पंजाब मेंबेअदबी करने वालों को सजा दिलाने के लिए अभी कोई सख्त कानून नहीं है. इस कानून से धार्मिक ग्रंथों और स्थलों की बेअदबी करने वालों कोउम्रकैद मिलेगी. पंजाब में लंबे समय से बेअदबी कानून की मांग चली आ रही है। बेअदबी के मामलों में विशेष अदालतें गठित की जा सकेंगी। वहींबेअदबी के दोषियों को पैरोल नहीं मिलेगा. ध्यानाकर्षक प्रस्ताव पर मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि पंजाब से वैसे पानी की मांग की जाती हैलेकिन जब बाढ़ जैसे हालात होते हैं तो राजस्थान और हरियाणा पानी लेने के लिए तैयार नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि अब जब हिमाचल में बारिशअधिक हो रही है और सभी डैम में अधिक पानी आ रहा है तो हरियाणा ने 6100 क्यूसेक से अधिक पानी लेने से इनकार कर दिया है। इस संबंध मेंपंजाब सरकार को पत्र लिखा गया है. राजस्थान सरकार की तरफ से भी उनका ऐसा ही एक पत्र लिखा गया है.
पंजाब में है बहुत ही संवेदनशील मुद्दा
गोयल ने कहा कि सभी बांधों को पक्का किया गया है और नदियों की सफाई करवाई गई है. विधायन राणा इंदर प्रताप यह प्रस्ताव लेकर आए थे. जिस पर बाढ़ की रोकथाम को लेकर सरकार की तरफ से क्या इंतजाम किए गए हैं. उस संबंध में सरकार से जवाब मांगा गया था बेअदबी पंजाब मेंबहुत संवेदनशील मुद्दा है. यही कारण है कि सरकार इस बिल पर आगे बढ़ने से पहले सभी धार्मिक संगठनों की राय लेना चाहती है. इस बिल के जरियेसरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर सख्त सजा का प्रावधान कर सकती है. विधानसभा सत्र के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा बाढ़ और पानी कीआपूर्ति को लेकर उठाया गया. मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने ध्यानाकर्षक प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि पंजाब से अन्य राज्यों को पानी की मांग कीजाती है. लेकिन जब बाढ़ जैसे हालात होते हैं तो वही राज्य पानी लेने से इनकार कर देते हैं.
डैमों में बढ़ रहा है लगातार जलस्तर
गोयल ने बताया कि हरियाणा ने 6100 क्यूसेक से अधिक पानी लेने से मना कर दिया है. जबकि डैमों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस बारे मेंपंजाब सरकार ने हरियाणा और राजस्थान सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी बांधों को मजबूत किया है और नदियों कीसफाई करवाई गई है ताकि बाढ़ की स्थिति को रोका जा सके. विधायक राणा इंदर प्रताप द्वारा लाए गए प्रस्ताव के जवाब में सरकार से बाढ़ कीरोकथाम के इंतजामों की जानकारी मांगी गई थी पंजाब में लंबे समय से बेअदबी कानून की मांग की जा रही थी. विशेषकर 2015 में हुए बेअदबी केमामलों के बाद से यह एक बेहद संवेदनशील और गंभीर सामाजिक-राजनीतिक मुद्दा बन गया है सरकार का कहना है कि बिल को लागू करने से पहलेसभी धार्मिक संगठनों से राय ली गई है.