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एक्सिओम-4 मिशन को पूरा करके अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापस लौट रहे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर कांग्रेस नेता उदितराज ने बेतुका बयान किया. कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि पहले राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे तब एससी-एसटी और ओबीबी इतने पढ़े लिखेनहीं थे. अब किसी दलित,ओबीसी को भी शुभांशु शुक्ला की जगह भेजा जा सकता था. कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि मैं उनको शुभकामनाएं देताहूं कि वे सुरक्षित लौटें। उन्होंने वहां जो ज्ञान अर्जित किया है. उसे यहां बिखेरें लोग उससे लाभान्वित हों.
दलित को भेजने की थी बारी
यह मानवता के लिए लाभकारी है. कांग्रेस नेता बोले कि पहले जो राकेश शर्मा भेजे गए थे, उस समय एससी-एसटी, ओबीसी इतने पढ़े-लिखे नहीं थे. इस बार मुझे लगता है कि दलित को भेजने की बारी थी. ऐसा नहीं है कि नासा ने कोई परीक्षा ली और फिर चयन हो गया. किसी दलित,ओबीसी कोभी शुभांशु शुक्ला की जगह भेजा जा सकता था. शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत 25 जून को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथअंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुए. अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पहुंचने वाले शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं. शुभांशु नेआईएसएस पर 18 दिन बिताए और इस दौरान वहां कई रिसर्च कार्य किए। शुभांशु शुक्ला की मंगलवार को धरती पर वापसी हुई. ग्रुप कैप्टन शुभांशुशुक्ला ने 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताए। इस दौरान उन्होंने 60 प्रयोगों को अंजाम दिया. जिनमें से सात प्रयोग इसरो के थे शुभांशुअपने साथ 263 किलो वैज्ञानिक सामान लेकर धरती पर लौट रहे हैं.

कार्यक्रमों को मिल सकती है बड़ी मदद
जिससे भविष्य में अंतरिक्ष कार्यक्रमों को बड़ी मदद मिल सकती है. साल 2027 में इसरो अपना पहला मानव मिशन गगनयान लॉन्च करेगा. ऐसे मेंशुभांशु शुक्ला का यह मिशन इसरो के लिए बेहद अहम है. शुभांशु शुक्ला को एक्सिओम-4 मिशन पर भेजने के लिए भारत ने 550 करोड़ रुपये खर्चकिए हैं. शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गए थे। उनकी वापसी पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा किपहले राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे. तब एससी-एसटी और ओबीबी इतने पढ़े लिखे नहीं थे. अब किसी दलित,ओबीसी को भी शुभांशु शुक्ला कीजगह भेजा जा सकता था. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह के मिशनों में योग्यता से अधिक चयन प्रक्रिया और प्रतिनिधित्व का सवाल भी अहम है।उनका दावा है कि दलितों और पिछड़े वर्गों को समान अवसर दिए जाने चाहिए। “मैं शुभांशु शुक्ला को शुभकामनाएं देता हूं. लेकिन यह भी कहनाचाहूंगा कि इस बार किसी दलित या ओबीसी को अंतरिक्ष में भेजा जाना चाहिए था. पहले राकेश शर्मा जब गए थे तब SC-ST और OBC इतने पढ़ेलिखे नहीं थे. लेकिन अब हैं। नासा ने कोई परीक्षा ली हो ऐसा भी नहीं हुआ.

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