
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की एक बड़ी पर्यावरणीय उपलब्धि का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत ने 2030 के लक्ष्य से 5 सालपहले ही 50% बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से हासिल कर ली है. यह भारत की हरित (ग्रीन) और टिकाऊ भविष्य की दिशा में मजबूतप्रतिबद्धता को दर्शाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह उपलब्धि भारत की प्रतिबद्धता और प्रयासों को दर्शातीहै जो हम एक हरे और टिकाऊ भविष्य की दिशा में कर रहे हैं. मामले में केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार कोजानकारी दी थी कि भारत ने अब तक कुल 484.8 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) बिजली उत्पादन क्षमता हासिल की है, जिसमें से 242.8 गीगावॉट (यानी50%) बिजली गैर-जीवाश्म ईंधन जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा से आ रही है. बता दें कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों परयह वादा किया था कि वह 2030 तक अपनी बिजली क्षमता का 50% गैर-जीवाश्म ईंधनों से हासिल करेगा.
भविष्य के लिए मजबूत प्रतिबद्धता
लेकिन अब यह लक्ष्य 2025 में ही पूरा हो गया. जो पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है. गौरतलब है कि भारत सरकार बिजली क्षमता गैर-जीवाश्मईंधन स्रोतों से हासिल करने के लिए ढेरो कोशिशों पर जोर दे रही है. इसके लिए राष्ट्रीय सौर मिशन, पवन ऊर्जा परियोजनाएं, हाइड्रो और न्यूक्लियरपावर प्रोजेक्ट्स, और हरित हाइड्रोजन मिशन जैसे कई कदम सरकार लगातार उठा रही है. ऐसे में भारत सरकार की यह उपलब्धि दिखाती है कि भारतन सिर्फ अपने पर्यावरणीय वादों को निभा रहा है. बल्कि दुनिया के सामने एक उदाहरण भी पेश कर रहा है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एकसाथ कैसे किया जा सकता है. भारत ने 2030 के लक्ष्य से 5 साल पहले ही अपनी कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 50% हिस्सा गैर-जीवाश्म ईंधनोंसे हासिल कर लिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे देश की हरित और टिकाऊ भविष्य के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता बताया.
पर्यावरण संरक्षण एक साथ है संभव
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, कुल 484.8 गीगावॉट बिजली क्षमता में से 242.8 गीगावॉट अब सौर, पवन, जल और परमाणु ऊर्जा जैसेस्वच्छ स्रोतों से आती है. “यह मील का पत्थर हमारे हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में किए गए प्रयासों और प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारत नेयह साबित कर दिया है कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण एक साथ संभव है. केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी नेसोमवार को जानकारी दी कि भारत की वर्तमान कुल बिजली उत्पादन क्षमता 484.8 गीगावॉट (GW) है, जिसमें से 242.8 गीगावॉट, यानी 50%, अब सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा जैसे गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त की जा रही है. भारत ने COP21 पेरिस समझौते औरग्लासगो सम्मेलन में वादा किया था कि वह 2030 तक अपनी बिजली उत्पादन क्षमता का 50% हिस्सा स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों से प्राप्तकरेगा. यह लक्ष्य 2025 में ही हासिल कर लिया गया — जो न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण है.