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महाराष्ट्र की राजनीति उस समय गरमा गई जब गुरुवार को विधान भवन में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी (शरद पवार गुट) केविधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच झड़प हो गई. घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे औरअन्य नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं. मामले में भाजपा विधायकपडलकर ने माफी भी मांगी है. यह झगड़ा विधान भवन की ग्राउंड फ्लोर लॉबी में हुआ. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों गुटों के बीच कहासुनी तेजी सेझगड़े में बदल गई. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने स्थिति को और बिगड़ने से पहले दोनों गुटों को अलग कर दिया. सुरक्षा कर्मियों ने दोनों पक्षों सेएक-एक व्यक्ति को हिरासत में लिया.

जान से मारने की दी गई धमकी
घटना के बाद मीडिया से बातचीत में जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर विधायक ही विधान भवन में सुरक्षित नहीं हैं तो जनता का क्या होगा उन्होंनेआरोप लगाया कि वह सिर्फ ताजी हवा लेने बाहर निकले थे तभी यह झगड़ा हुआ. आव्हाड ने आरोप लगाया कि यह हमला उन्हें निशाना बनाकरकिया गया था. वहीं पडलकर ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और उन्होंने किसी को नहीं पहचाना. जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा कि पूरामहाराष्ट्र जानता है कि हमलावर कौन थे? हमसे बार-बार सबूत मांगे जा रहे हैं. जबकि पूरा देश देख चुका है कि हमला किसने किया। गुंडों कोविधानसभा में घुसने दिया जा रहा है और विधायकों की सुरक्षा खतरे में है. मुझे गालियां दी गईं, जान से मारने की धमकी दी गई. मेरे लिए कईअपशब्दों का इस्तेमाल किया गया क्या विधानसभा में यही होना अपेक्षित था? मैं अभी भाषण देकर बाहर आया हूं और ये लोग मुझसे भिड़ने आ गए. अगर विधानसभा में विधायक सुरक्षित नहीं हैं. तो हम विधायक क्यों रहें? यह घटना बुधवार को दोनों नेताओं के बीच हुए एक बहस के अगले दिनहुई. उस दिन आव्हाड ने आरोप लगाया था कि पडलकर ने जानबूझकर कार का दरवाजा तेजी से बंद किया जिससे उन्हें चोट लगी.

राजनीतिक खींचतान से जोड़कर जा रहा है देखा
इस झगड़े को दोनों नेताओं की पुरानी राजनीतिक खींचतान से जोड़कर देखा जा रहा है. पडलकर पहले भी शरद पवार और सुप्रिया सुले पर टिप्पणीकर चुके हैं जिससे विवाद हुआ था. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ऐसी घटनाएं विधानसभा की गरिमा के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि यह मामलाविधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस पर जांच जरूरी है उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें शामिल हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं उद्धव ठाकरे ने पूछा कि जब गुंडे विधानसभा में घुस रहे हैं तो राज्य के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री कीजिम्मेदारी क्या है? घटना के बाद गोपीचंद पडलकर ने अपने समर्थकों के व्यवहार के लिए माफी मांगी. वहीं विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पूरेमामले की रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि इस पर जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे. सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि विधानसभा परिसरकी गरिमा को बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है. विधान भवन को लोकतंत्र का मंदिर माना जाता है. ऐसे में इस तरह की घटनाएं उसके सम्मान कोठेस पहुंचाती हैं। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने भी इस पर नाराजगी जताई और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई का भरोसा दिया है. मंत्रीआशीष शेलार ने मांग की कि उस दिन पास किसे और कैसे जारी हुए. इसकी भी जांच होनी चाहिए.

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