
कविंदर गुप्ता ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के नए उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा इस संवैधानिक पद परनियुक्त किए जाने के चार दिन बाद उन्होंने पदभार संभाला.
गुप्ता को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति अरुण पाली ने लद्दाख राज निवास, लेह में आयोजित एक समारोहमें शपथ दिलाई. समारोह में मुख्य सचिव पवन कोटवाल ने राष्ट्रपति द्वारा गुप्ता की नियुक्ति का वारंट पढ़ा. कविंदर गुप्ता लद्दाख के तीसरेउपराज्यपाल बने हैं वे ब्रिगेडियर बी. डी. मिश्रा का स्थान ले रहे हैं. जिन्होंने 19 फरवरी 2024 को इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी.
लद्दाख के पहले थे राज्यपाल
मिश्रा से पहले आर. के. माथुर लद्दाख के पहले उपराज्यपाल थे. जिन्हें 2019 में जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद इस पद पर नियुक्त कियागया था. वरिष्ठ भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने लद्दाख के तीसरे उपराज्यपाल के रूप में लेह में शपथ ली. उन्होंने ब्रिगेडियर बी. डी. मिश्रा का स्थान लियाऔर इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं। उनके साथ परिवार (पत्नी बिंदु, बेटियाँ चारु व पारुल, बेटे राघव, और अन्य सदस्य) भी उपस्थित थे जो इस अवसर को उनके लिए गर्व का क्षण बता रहे थे राष्ट्रीय कांग्रेस (NC) ने उनकी नियुक्ति की निंदा की है. औरइसे “वादों का विरोधाभास” बताया है. विशेषकर लद्दाख को बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के स्वतंत्र प्रशासन की आवश्यकता के मद्देनज़र राजनीतिकजानकार यह देख रहे हैं कि एक सीनियर BJP नेता का लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्र में तैनात होना रणनीतिक संकेत हो सकता है.
सक्रिय राजनेता बना
जिससे प्रशासन में केंद्रीय दृष्टिकोण प्रभावी रूप से दिखे. यह पहली बार है जब लद्दाख का उपराज्यपाल कोई सक्रिय राजनीतिक नेता (पूर्वउपमुख्यमंत्री) बना है. इससे क्षेत्रीय विकास व प्रशासनिक जवाबदेही (governance) को तेज़ी पाने की उम्मीद है. हालांकि ऐसा समीकरण सरकारके वादों और जनता की अपेक्षाओं के बीच के तनाव की ओर भी संकेत करता है. गुप्ता का कार्यकाल लद्दाख के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित होसकता है विशेषकर, उनकी सक्रिय और राजनीतिक पहचान ने प्रशासनिक दृष्टिकोण में बदलाव की उम्मीद जगाई है. उनका यह कहना कि “शपथ केबाद मैं BJP का प्रतिनिधि नहीं रहूंगा. गुप्ता के कार्यकाल में 20 जुलाई को गृह मंत्रालय और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच प्रस्तावित वार्ता में छहवींअनुसूची, राज्य‑सदन (statehood), अतिरिक्त लोकसभा सीटें, स्थानीय लोक सेवा आयोग जैसे मुद्दों पर बन पड़ेगा कि वे कितने आगे बढ़ते हैं. जमीनी विकास व जवाबदेही गुप्ता ने घोषणा की है कि वे लोक‑सुनवाई, क्षेत्रीय दृष्टिकोण, बेहतर कनेक्टिविटी (विशेषकर जोजिला सुरंग) औरइंटरनेट, स्वास्थ्य, शिक्षा सेवाओं में सुधार के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.