
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन पर 2019 में अपने सहयोगी देवेंद्रफडणवीस को धोखा देने का आरोप लगाया. विधान परिषद में पिछले हफ्ते विपक्ष के प्रस्ताव का जवाब देते शिंदे ने ठाकरे का नाम लिए बिना कहाकि 2019 के विधानसभा चुनावों में अविभाजित शिवसेना और भाजपा के गठबंधन के बहुमत बरकरार रखने के बाद फडणवीस ने 40-50 बार फोनकिए, लेकिन उद्धव की ओर से कोई जवाब नहीं आया. शिंदे ने भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद ठाकरे के कांग्रेस से हाथ मिलाने की ओर इशाराकरते हुए कहा ‘महाराष्ट्र ने कभी गिरगिट को इतनी तेजी से रंग बदलते नहीं देखा. वह उन लोगों के साथ चले गए, जिन्हें वह कभी नीच समझते थे.
भाजपा ने जीती 182 सीटें
शिंदे ने कहा कि उनके अनुरोध की वजह से ही फडणवीस 2017 में मुंबई के मेयर का पद शिवसेना को देने के लिए सहमत हुए थे जब निकाय चुनावोंमें शिवसेना ने 84 और भाजपा ने 82 सीटें जीती थीं. उन्होंने आगे कहा’लेकिन ठाकरे ने 2019 में गठबंधन से बाहर निकलकर फडणवीस को धोखादिया. शिंदे ने यह भी दावा किया कि जब वह और उनका समर्थन करने वाले बागी शिवसेना विधायक 2022 में उद्धव के खिलाफ बगावत करने केबाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए थे. तब ठाकरे ने सुलह के लिए उनसे संपर्क किया और साथ ही दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से कहा कि वह बागी समूह कासमर्थन न करें। शिंदे की ओर से उद्धव ठाकरे को 2019 में फडणवीस और भाजपा को धोखा देने की याद दिलाने वाला वाकया शिवसेना प्रमुख कीओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मुलाकात के एक दिन बाद हुआ। एक दिन पहले ही फडणवीस ने सदन में एक व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हुए ठाकरेको सत्ता पक्ष में आने के लिए कहा था.
धोखा देने का लगाया आरोप
एकनाथ शिंदे की ओर से उद्धव ठाकरे पर 2019 में देवेंद्र फडणवीस और भाजपा को धोखा देने का आरोप लगाया. उनका बयान शिवसेना प्रमुख कीओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मुलाकात के एक दिन बाद आया। विधानसभा चुनाव 2019 में शिवसेना और भाजपा की साझा जीत के बाद, फडणवीस ने 40–50 बार ठाकरे को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इससे शिंदे ने ठाकरे पर “धोखेबाज़ी” का आरोप लगाया 2017 मेंमुंबई मेयर के पद को शिवसेना को सौंपने में शिंदे का अहम रोल रहा, लेकिन 2019 में ठाकरे ने उसी भाजपा को धोखा दे दिया, यह शिंदे का आरोपहै शिंदे ने ठाकरे को “इतनी तेजी से रंग बदलने वाला गिरगिट” कहा और आरोप लगाया कि उन्होंने कभी निचले स्तर पर माने जाने वाले दलों (जैसेकांग्रेस) के साथ गठबंधन किया शिंदे ने कहा कि ठाकरे भाजपा से निकलते ही कांग्रेस से हाथ मिला बैठे—एक ऐसा कदम जिससे महाराष्ट्र ने पहलेकभी गिरगिट जैसा रंग बदलता नेता नहीं देखा जब शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ 2022 में गुवाहाटी में थे. ठाकरे ने सुलह के लिए संपर्ककिया और दिल्ली में भाजपा से दबाव दिया कि वे बागी गुट का साथ न दें.