
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच युद्धविराम समझौता कराने की कोशिश की है और उन्हें उम्मीद है किदोनों देशों के बीच युद्ध जल्दी रुक जाएगा ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझाया है लेकिन इनकीतुलना में थाईलैंड और कंबोडिया में युद्धविराम कराना उनके लिए आसान है. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बैठक केदौरान ट्रंप ने पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह थाईलैंड और कंबोडिया पर व्यापार का दबाव बना रहे हैं ताकि वे लड़ना बंद कर दें. ट्रंप ने कहा, ‘हम थाईलैंड और कंबोडिया के साथ व्यापार करते हैं. लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि वे एक-दूसरे से लड़ रहे हैं. मुझे लगता है यह विवादसुलझाना आसान होगा, क्योंकि मैंने भारत-पाकिस्तान और सर्बिया-कोसोवो जैसे देशों के बीच भी समझौता कराया है.
मिला है आत्मविश्वास
कंबोडिया और थाईलैंड ने दिन में पहले ही एक-दूसरे पर तोपखाने से हमला करने का आरोप लगाया, जबकि ट्रंप ने कुछ ही घंटों पहले कहा था किदोनों देश युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं. इससे पहले शनिवार रात, ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से फोन पर बात की थी जिसके बाद दोनों पक्षों नेकहा कि वे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यहविवाद लगभग 100 साल से भी ज्यादा पुराना है जब औपनिवेशिक काल के फ्रांस ने पहली बार दोनों देशों के बीच सीमा तय की थी. ट्रंप ने बतायाकि उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से कहा’जब तक आप शांति नहीं करते, अमेरिका आपसे कोई व्यापार नहीं करेगा. उन्होंने दावा किया कि इसचेतावनी के बाद दोनों नेता समझौते को तैयार हो गए. ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें अपने पुराने प्रयासों, जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच हाल कीलड़ाई को रोकने में मिली सफलता से आत्मविश्वास मिला है.
शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व होगा स्थापित
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद को सुलझा चुके हैं और इन दोनों देशों की तुलना मेंथाईलैंड और कंबोडियो के बीच युद्धविराम समझौता कराना आसान है. उन्होंने यह भी कहा कि वह दोनों के बीच युद्धविराम समझौता कराने कीकोशिश कर रहे हैं और उम्मीद जताई कि यह लड़ाई जल्द रुक जाएगी. ट्रंप ने यह भी कहा कि वह व्यापार के जरिए दबाव बनाकर शांति स्थापितकरना चाहते हैं। उनका मानना है कि युद्धविराम से न केवल क्षेत्रीय स्थिरता आएगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. अमेरिका की इसमध्यस्थता से उम्मीद जताई जा रही है कि थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम किया जा सकेगा और भविष्य मेंशांतिपूर्ण सह-अस्तित्व स्थापित होगा.