
2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में बम धमाका हुआ था। उस समय देश की सरकार कांग्रेस पार्टी की थी। इस ब्लास्ट की जांच महाराष्ट्र की एटीएस(आतंकवाद विरोधी दस्ता) कर रही थी। लेकिन अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। एटीएस टीम में शामिल एक अधिकारी महबूबमुजावर ने कहा है कि जांच के दौरान उन पर और पूरी टीम पर बहुत दबाव बनाया गया था। ये दबाव सरकार के बड़े लोगों और अधिकारियों की तरफसे था। उन्होंने कहा कि हमसे कहा गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जी को इस केस में फँसाओ और उन्हें गिरफ़्तार करो, ताकि भगवाआतंकवाद का माहौल बनाया जा सके। इस बयान के बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस ने हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश की
पात्रा ने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट के समय कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का मकसद था कि हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति को बदनाम किया जाए।उन्होंने कहा गांधी परिवार की ये तीव्र इच्छा थी कि सनातन और हिंदुओं पर चोट की जाए। तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस नेजानबूझकर भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव फैलाया।
कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस की साजिश की पोल खोली
पात्रा ने कहा कि कल जो कोर्ट का फैसला आया है, उसने साफ कर दिया कि पूरा केस झूठे आधार पर खड़ा किया गया था।
भगवा आतंकवाद का जो झूठ फैलाया गया था, वो अब औंधे मुंह गिर गया है। हिंदुओं को अपमानित करने की जो कोशिश कांग्रेस ने की, उसका सचअब सबके सामने है।
कांग्रेस का असली चेहरा बेनकाब
पात्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा – कांग्रेस का प्रिय गाना है वोटबैंक को रिझाना है, हिंदुओं पर निशाना है, सनातन को निपटाना है! उन्होंने कहाकि जब कोई आतंकवादी हमला होता है, तो कांग्रेस के नेता कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। लेकिन जब बात हिंदू धर्म की आती है, तो वही नेता चुप रहते हैं या उल्टा हिंदुओं पर ही आरोप लगाते हैं।
गांधी परिवार की राजनीति बदले की भावना से भरी थी
पात्रा ने साफ कहा कि कांग्रेस सरकार ने उस समय बदले की भावना से काम किया। गांधी परिवार के कहने पर अधिकारियों पर दबाव डाला गया किमोहन भागवत जी को फंसाया जाए। इस तरह की सोच एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा थी, जिसे अब जनता के सामने लाया जाना चाहिए।मालेगांव ब्लास्ट केस अब सिर्फ एक पुराने मामले की जांच नहीं रह गया है, बल्कि ये एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसने कांग्रेस पार्टी के असली इरादोंको सामने ला दिया है। संबित पात्रा के आरोपों से ये साफ हो गया है कि उस समय की सरकार ने राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल किया औरहिंदुओं को बदनाम करने की पूरी कोशिश की। अब जब कोर्ट ने सच को सामने लाया है, तो देश की जनता को भी ये सोचने की ज़रूरत है कि आखिरकिसने देश को गुमराह किया और किसने समाज में नफरत फैलाने का काम किया।