
देश के संविधान को लेकर चिंता लगातार बढ़ रही है। ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ी पहल की है। दिल्ली के विज्ञान भवन में आज एक खासकार्यक्रम हुआ, जिसका नाम था – संविधानिक चुनौतियाँ दृष्टिकोण और रास्ते। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के बड़े नेताओं ने संविधान को बचाने औरउसकी मूल भावना को बनाए रखने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
यह आयोजन कांग्रेस के कानून, मानवाधिकार और सूचना का अधिकार विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्वमुख्यमंत्री, सांसद और वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
क्यों हुआ यह कार्यक्रम?
आज देश के संविधान के सामने कई चुनौतियाँ हैं। कुछ ताकतें ऐसी हैं जो संविधान को बदलना चाहती हैं, उसकी आत्मा को कमजोर करना चाहतीहैं। सरकार की नीतियाँ आम लोगों के अधिकारों को खत्म करने की तरफ बढ़ रही हैं। ऐसे समय में ज़रूरी है कि जनता को संविधान के बारे में जागरूककिया जाए और उसके अधिकारों की रक्षा की जाए। कांग्रेस का यह कार्यक्रम इसी मकसद से हुआ – ताकि लोग समझ सकें कि संविधान सिर्फ एककिताब नहीं, बल्कि देश की आत्मा है।
नेताओं ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान ही देश को जोड़ता है। यह हर गरीब, किसान, महिला, युवा और अल्पसंख्यक की ताकत है। लेकिन आज कुछ लोगइसे बदलने की साजिश कर रहे हैं। हमें सब मिलकर इसकी रक्षा करनी होगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर संविधान नहीं रहेगा, तो देश में लोकतंत्र नहीं रहेगा। कांग्रेस पार्टी हमेशा संविधान के साथ खड़ी है और आगे भीइसके लिए लड़ती रहेगी।
अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह सिर्फ चर्चा नहीं, संविधान की रक्षा की दिशा में पहला कदम है। जब तक संविधान जिंदा है, देश में हर किसी कोबराबरी का अधिकार मिलेगा।
यह कार्यक्रम केवल नेताओं का भाषण नहीं था, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत थी। कांग्रेस ने यह साफ कर दिया कि वह संविधान की रक्षा केलिए पूरे देश में आवाज़ उठाएगी। जनता से भी अपील की गई कि वे अपने अधिकारों को समझें और संविधान को कमजोर करने वाली ताकतों कोपहचानें।