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नई दिल्ली, 03 अगस्त- कांग्रेस ने विभिन्न राज्यों में महिला सुरक्षा के गंभीर हालातों को लेकर भाजपा सरकारों को कटघरे में खड़ा करते हुए प्रज्वलरेवन्ना मामले की तर्ज पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराए जाने की मांग की है।

महिला कांग्रेस ने ओडिशा में 15 वर्षीय नाबालिग बच्ची की जिंदा जलाकर हत्या, मध्यप्रदेश में दो वर्षों में 7,418 दलित-आदिवासी महिलाओं केसाथ बलात्कार और गुजरात के अहमदाबाद में पुलिस द्वारा लड़कियों के लिए जारी शर्मनाक पोस्टर को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहमांग उठाई।

इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने ओडिशा की 15 वर्षीय नाबालिगबच्ची का उल्लेख किया, जिसे तीन लोगों ने अगवा कर जिंदा जला दिया था और जिसने इलाज के दौरान दिल्ली एम्स में दम तोड़ दिया। इस मामलेमें पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब अपराधी तीन लोग थे तो पुलिस उन्हें पकड़ने के बजाय यह कह रही है कि बच्ची कोजलाने में किसी का हाथ नहीं था। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा-शासित राज्य की पुलिस अपराधियों को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है।

लांबा ने भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि 2022 से2024 के बीच राज्य में 7,418 एससी-एसटी महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं हुईं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा शासित राज्यों मेंअपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।

अलका लांबा ने बताया कि महिला कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के दौरान महिलाओं पर हो रहे अपराधों के खिलाफ ‘न्याय मार्च’ निकाला था।उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने उन्हें उनके घर से उठाकर नजफगढ़ थाने में नजरबंद रखा। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सत्ता के दबावमें महिला कांग्रेस के शांतिपूर्ण मार्च को दबाने की कोशिश की, जिससे कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं।

गुजरात में पुलिस के पोस्टर और प्रज्वल रेवन्ना मामले पर पीएम मोदी को घेरा

लांबा ने गुजरात पुलिस द्वारा अहमदाबाद में लगाए गए एक पोस्टर को शर्मनाक बताया, जिसमें लड़कियों को रात में बाहर न निकलने की सलाह दीगई थी। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता दर्शाती है कि भाजपा शासित राज्यों में अपराध को रोकने के बजाय महिलाओं को ही घरों में रहने के लिएकहा जा रहा है।

लांबा ने प्रज्वल रेवन्ना के मामले में कर्नाटक सरकार की सराहना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर मास रेपिस्ट कोउम्रकैद की सजा दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रज्वल रेवन्ना के लिए प्रचार किया, जबकि उन्हें उसके खिलाफ लगे आरोपों कीजानकारी थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रज्वल को जर्मनी भागने में भी मदद की थी, लेकिन कांग्रेस सरकार के प्रयासों से उसे सजा दिलाई गई।


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