
आम आदमी पार्टी के विधायक और विधायक दल के मुख्य सचेतक श्री संजीव झा ने भाजपा सरकार द्वारा लाए जा रहे स्कूल फीस बिल पर गंभीरसवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सीधे तौर पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने के लिए लाया गया है, न कि बच्चों और उनके माता-पिता केहित में।
आम आदमी पार्टी के शासन में फीस नहीं बढ़ी, अब धड़ल्ले से बढ़ रही है
संजीव झा ने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब पूरे 10 वर्षों तक किसी भी निजी स्कूल को मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने कीअनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन जैसे ही दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी, सभी निजी स्कूलों ने अपनी फीस में भारी वृद्धि कर दी। अब यह बिललाकर उस ग़ैरकानूनी फीस वृद्धि को वैधता दी जा रही है।
फीस निर्धारण समिति में पक्षपात की संभावना
उन्होंने कहा कि जो समिति फीस तय करेगी, उसमें पाँच सदस्य स्कूल प्रबंधन से होंगे और पाँच सदस्य अभिभावकों से। इसके अतिरिक्त एक सरकारीपर्यवेक्षक होगा। अब यदि अभिभावकों और प्रबंधन के सदस्य 5-5 की बराबरी में हों और मतभेद हो जाए, तो निर्णय अंतिम रूप से सरकारी अधिकारीलेगा। इसका सीधा अर्थ है कि सरकार अधिकारी तंत्र के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों को बढ़ी हुई फीस को मंजूरी दिलाएगी।
सरकार की मंशा पर सवाल
संजीव झा ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में जनता के हित में काम कर रही होती तो फीस बढ़ाने से पहले जनता की राय लेती, स्कूलों के खातों कीजाँच का प्रावधान रखती, और पारदर्शिता सुनिश्चित करती। लेकिन इस विधेयक में न तो पारदर्शिता है और न ही जनहित।
जनता का संघर्ष व्यर्थ किया जा रहा
उन्होंने यह भी कहा कि जिन निजी स्कूलों के खिलाफ पिछले महीनों में सैकड़ों माता-पिता 40 डिग्री की गर्मी में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे थे, उन्हीं स्कूलों को अब यह सरकार कानूनी संरक्षण देने जा रही है। यह संघर्षशील अभिभावकों और उनके बच्चों के साथ विश्वासघात है।
आम आदमी पार्टी पूरी ताक़त से विरोध करेगी
संजीव झा ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी और सदन से लेकर सड़कों तक संघर्ष करेगी। यदि आवश्यकता हुई तोकानूनी रास्ता भी अपनाया जाएगा।