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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने विपक्षी दलों पर चुनाव आयोग और सरकार पर मनगढ़ंत आरोप लगाकर लोकतंत्र की जड़ें कमजोर करने कागंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में विपक्ष का काम सरकार की गलतियों पर सवाल उठाना और जनता के मुद्दों को उठाना होनाचाहिए, लेकिन जो विपक्षी दल हैं, वे केवल आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति कर रहे हैं, जिससे लोकतंत्र की दशा खराब हो रही है।

चुनावों में हार को स्वीकार करना लोकतंत्र की पहली शर्त है
वीरेन्द्र सचदेवा ने बताया कि फरवरी 2025 में जब आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली की सरकार चुनाव में हारी थी, तब मुख्यमंत्री अरविंदकेजरीवाल ने इस हार को जनता का फैसला मानकर स्वीकार किया था। यह लोकतंत्र की मजबूती दिखाने वाला कदम था। लेकिन अब स्थिति बदलगई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही महाराष्ट्र में कांग्रेस और बिहार में राजद ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाने शुरू किए, वैसे ही आम आदमी पार्टी ने भीचुनाव परिणामों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।

आप नेता खुद विरोधाभास में फंसे हुए हैं
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता खुद ही अपनी बातों में उलझे हुए हैं। 8 फरवरी को जब दिल्ली में चुनाव हुए थे, तबअरविंद केजरीवाल ने हार को जनता का फैसला माना। पर आज 12 अगस्त को आप के नेता संजय सिंह चुनाव में बेईमानी की बात कर रहे हैं। यहराजनीतिक हास्य जैसा मामला है कि कोई दल अपने ही कहे को भूलकर जनता को भ्रमित करता रहे।

विपक्षी दलों की राजनीति और जनता से दूरी
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि विपक्षी दल आज जनता के मुद्दों से दूर हैं और केवल चुनाव आयोग और सरकार पर आरोप लगाकर अपनी राजनीतिकजमीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को चाहिए कि वे जनता के वास्तविक सवालों पर ध्यान दें और उनकी समस्याओंका समाधान करें।

आम आदमी पार्टी की स्थिति पर कड़ी टिप्पणी
सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी, जो सत्ता का सुख भोग चुकी है, उसे समझना चाहिए कि उसकी हार उसकी अपनी गलतियों जैसे भ्रष्टाचार, अकर्मण्यता और सरकार चलाने में असफलता के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद है कि आप अब विपक्ष में आकर भी जनता के मुद्दों सेकटे हुए हैं और केवल विपक्ष की राजनीति में लगे हुए हैं।

लोकतंत्र में हारजीत सामान्य है
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में चुनावों में हार और जीत होती रहती है। इसे स्वीकार करना हर राजनीतिक दल की जिम्मेदारी है।आरोप-प्रत्यारोप और झूठे मामले उठाने से लोकतंत्र कमजोर होता है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे जनता की सेवा में जुटें और देश कीप्रगति में योगदान दें। वीरेन्द्र सचदेवा के अनुसार, विपक्षी दलों को राजनीति में नकारात्मकता छोड़कर देश और जनता की भलाई के लिए काम करनाचाहिए। चुनाव आयोग और सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करना सही नहीं है। वह चाहते हैं कि सभीराजनीतिक दल लोकतंत्र की मर्यादा का सम्मान करें और चुनावी परिणामों को स्वीकार करते हुए देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करें।


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