
इसरो ने गगनयान मिशन की तैयारी तेज कर दी है। इसरो ने रविवार को पैराशूट आधारित डीसेलेरेशन सिस्टम का प्रदर्शन किया. इसके तहत एयर ड्रॉपसिस्टम का सफल परीक्षण किया गया इसमें सशस्त्र बलों ने भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की मदद की. इसरो ने एक्स पर लिखा किगगनयान मिशन के लिए पैराशूट आधारित डीसेलेशन सिस्टम के संपूर्ण प्रदर्शन के लिए पहला एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया. यहपरीक्षण इसरो, भारतीय वायु सेना, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ. गगनयान देश का पहलामानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी. यान को इसी साल लॉन्च करने की योजना हैपहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी. जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा.
अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना
गगनयान मिशन तीन दिवसीय है मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर सुरक्षितपृथ्वी पर वापस लाया जाएगा. हाल ही में इसरो ने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का काम सफलतापूर्वकपूरा किया था।हॉट परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम का प्रदर्शन पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य रहा इसरो के मुताबिक, गगनयान के सर्विस मॉड्यूलमें एक खास सिस्टम लगाया गया है जो दो तरह के ईंधन से चलता है. यह सिस्टम उस हिस्से को मदद करता है जो इंसानों को लेकर अंतरिक्ष मेंजाएगा. इसका काम रॉकेट को सही कक्षा (ऑर्बिट) में पहुंचाना, उड़ान के दौरान दिशा को नियंत्रित करना, जरूरत पड़ने पर रॉकेट की गति को धीमाकरना और अगर कोई गड़बड़ी हो जाए तो मिशन को बीच में रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना है.
गगनयान मिशन की तैयारी
इसरो की आगामी योजनाओं का खाका भी सामने आया साल के अंत तक गगनयान-1 मिशन लॉन्च होगा, जिसमें मानव-रोबोट ‘व्योममित्रा’ अंतरिक्षकी यात्रा करेगा। 2027 में भारत अपनी पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान करेगा. इसके बाद 2028 में चंद्रयान-चार, शुक्र मिशन और 2035 तक”भारत अंतरिक्ष स्टेशन” की स्थापना की योजना है. मंत्री ने कहा कि 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है. गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर कराई जाएगी. यान को इसी साललॉन्च करने की योजना है पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा. गगनयान मिशन के लिए तेजी से कामचल रहा है.