
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. आतंकवाद और साइबर सुरक्षा को लेकर हमारी चिंताएं समान हैं. हमारे आपसी हित रक्षा और समुद्री सुरक्षा से जुड़े हैं। हमने तय किया है कि रक्षाउद्योग और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत किया जाएगा. मानव संसाधन आदान-प्रदान की कार्ययोजना के तहत अगले पांच वर्षों मेंविभिन्न क्षेत्रों में पांच लाख लोगों का आदान-प्रदान किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारत और जापान की साझेदारी आपसी विश्वास पर आधारित है। यह हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को दर्शाती है और हमारे साझामूल्यों और विश्वासों से आकार लेती है. हम सब मिलकर अपने लोगों और दुनिया के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि का एक साझा सपना लेकर चलतेहैं. अगले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मैं आपको भारत आमंत्रित करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा मानना है कि जापानी तकनीक और भारतीय प्रतिभा एक विजयी जोड़ी है। जहां हम हाई-स्पीड रेल पर काम कर रहे हैं. वहीं अगली पीढ़ी की मोबिलिटी साझेदारी के तहत हम बंदरगाहों, विमानन और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में भी तेज़ी से प्रगति करेंगे. चंद्रयान 5 मिशनमें सहयोग के लिए हम इसरो और जाक्सा के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं. हमारा सक्रिय सहयोग पृथ्वी की सीमाओं को पार करेगा औरअंतरिक्ष में मानवता की प्रगति का प्रतीक बनेगा. पीएम मोदी ने कहा कि ऊर्जा के लिए हमारा संयुक्त ऋण तंत्र एक बड़ी जीत है. यह दर्शाता है किहमारी हरित साझेदारी हमारी आर्थिक साझेदारी जितनी ही मजबूत है.
रणनीतिक क्षेत्रों में बढ़ेंगे आगे
इस दिशा में हम टिकाऊ ईंधन पहल और बैटरी आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी की भी शुरुआत कर रहे हैं. हम आर्थिक सुरक्षा सहयोग पहल शुरू कर रहे हैं. हम व्यापक दृष्टिकोण के साथ महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्रों में आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग हम दोनों के लिएप्राथमिकता है. इस संबंध में डिजिटल साझेदारी 2.0 और एआई सहयोग पहल पर काम किया जा रहा है. सेमीकंडक्टर और दुर्लभ मृदा खनिज हमारेएजेंडे में सबसे ऊपर होंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने अगले 10 वर्षों में जापान से भारत में 10 ट्रिलियन येन के निवेश का लक्ष्य रखा है भारतऔर जापान के लघु एवं मध्यम उद्यमों और स्टार्टअप्स को जोड़ने पर विशेष जोर दिया जाएगा. भारत-जापान व्यापार मंच में भी मैंने जापानी कंपनियोंसे कहा था कि भारत में बनाओ, दुनिया के लिए बनाओ.