
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर एमसीडी ने राजधानी में लावारिस कुत्तों से लोगों को राहत दिलाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी मेंस्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कुत्तों के नसबंदी अभियान और शेल्टर होम निर्माण की कमान अपने हाथों में ले ली है. वे शनिवार कोएमसीडी के पांच नसबंदी केंद्रों का निरीक्षण करेंगी और उनकी कार्यप्रणाली की समीक्षा करेंगी. साथ ही, खतरनाक कुत्तों के लिए शेल्टर होम कीस्थापना के लिए विभिन्न इलाकों में जमीन का सर्वे करेंगी.
कुत्तों की घटनाओं ने बढ़ा दी चिंता
एमसीडी के पास फिलहाल 20 नसबंदी केंद्र हैं लेकिन इनमें से केवल 13 ही वर्तमान में सक्रिय हैं. इन केंद्रों की कार्यक्षमता और उनकी वास्तविकस्थिति का आकलन करने के लिए स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने स्वयं दौरा करने का निर्णय लिया है. दरअसल, सीमित संसाधनों और क्षमता केकारण नसबंदी का काम गति से नहीं हो पा रहा है जिससे कुत्तों की आबादी लगातार बढ़ रही है. दिल्लीवासियों की शिकायतें भी बढ़ रही हैं बच्चों औरबुजुर्गों पर हमले से लेकर कॉलोनियों में झुंड बनाकर घूमने वाले लावारिस कुत्तों की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है.
नागरिकों को मिलेगी बड़ी राहत
एमसीडी के पास लावारिस और खतरनाक कुत्तों को रखने के लिए कोई स्थायी शेल्टर होम नहीं है ऐसे में कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार एमसीडीशेल्टर होम बनाने जा रही है. फिलहाल, पकड़े गए कुत्तों को अस्थायी व्यवस्थाओं में रखा जाता है लेकिन वहां देखभाल और नियंत्रण दोनों ही स्तर परदिक्कतें आती रही हैं कोर्ट के आदेश के तहत बनने वाले शेल्टर होम न केवल खतरनाक कुत्तों को सुरक्षित रखने का स्थान होंगे बल्कि वहां उनके लिएबेहतर देखभाल, इलाज और पुनर्वास की भी व्यवस्था की जाएगी. इससे एक ओर नागरिकों को राहत मिलेगी.