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दिल्ली की राजनीति को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहाकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूरी ताक़त अपनी जीत पर नहीं लगाई, बल्कि उसकी पूरी रणनीति इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे आमआदमी पार्टी को हराया जाए और बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाया जाए।

वोट कटवाने और फ़र्ज़ी वोट जोड़ने का आरोप
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हजारों वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिए गए और बड़ी संख्या में फ़र्ज़ी वोट भी जोड़ दिए गए।इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की, सबूत दिखाए और चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई। लेकिन कांग्रेस की ओर से न तोकोई बयान आया और न ही इस गड़बड़ी पर सवाल उठाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को इस गड़बड़ी से कोई दिक़्क़त नहीं थी, क्योंकिइसका फ़ायदा बीजेपी को हो रहा था।

राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल
AAP नेता ने राहुल गांधी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने वोट चोरी को लेकर बाद में प्रेस कॉन्फ़्रेंस की, लेकिन आम आदमीपार्टी इस मुद्दे को दिसंबर से ही उठा रही थी। जब दिल्ली के चुनाव चल रहे थे, तब राहुल गांधी चुप रहे और कांग्रेस ने कोई आवाज़ नहीं उठाई। इससेसाफ़ है कि कांग्रेस का इरादा वोट की धांधली रोकने का नहीं था।

चंदे और चुनावी फंड का अंतर
सौरभ भारद्वाज ने चुनावी चंदे के मामले में भी कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को नकद चंदे में सिर्फ ₹2000 मिले, जबकि कांग्रेस को चुनाव के दौरान करीब ₹44 करोड़ का चंदा मिला। नियमों के अनुसार किसी व्यक्ति से केवल ₹2000 तक नकद चंदा लिया जासकता है। इसके बावजूद कांग्रेस ने करोड़ों रुपये जुटा लिए और सरकार ने इसकी कोई जांच नहीं कराई। उन्होंने सवाल किया कि आख़िर इतनी बड़ीरकम कांग्रेस तक कैसे पहुँची और सरकार ने इसे नज़रअंदाज़ क्यों किया?

कांग्रेस का असली मक़सद – AAP को रोकना
AAP नेता ने दावा किया कि कांग्रेस ने चुनाव में अपना लक्ष्य साफ़ कर लिया था AAP को हराना है, चाहे इसके लिए बीजेपी को जिताना पड़े।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली कांग्रेस को साफ़ निर्देश दिया था कि किसी भी हाल में आम आदमी पार्टी को जीतने से रोकना है।सौरभ भारद्वाज के अनुसार, कांग्रेस का मक़सद सत्ता में आना नहीं था। वह केवल इस बात पर ध्यान दे रही थी कि बीजेपी को मज़बूती मिले औरAAP कमजोर हो।

करोड़ों खर्च लेकिन नतीजा शून्य
उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव प्रचार पर ₹46 करोड़ से ज़्यादा खर्च किया। पोस्टर, रैलियाँ, विज्ञापन – हर जगह पैसा लगाया गया।लेकिन नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला और पार्टी शून्य सीटों पर सिमट गई।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जनता समझ गई थी कि कांग्रेस चुनाव लड़ भी रही है तो सिर्फ दिखावे के लिए, असल में उसका मक़सद बीजेपी कोफ़ायदा पहुँचाना था।

कांग्रेस और बीजेपी की मिलीभगत का आरोप
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड़ी, उससे साफ़ दिखता है कि उसकी असली लड़ाई AAP से थी। बीजेपी को रोकने का नामलेने वाली कांग्रेस, असल में बीजेपी को ही मज़बूत करने में लगी थी। उन्होंने दावा किया कि यह मिलीभगत दिल्ली की जनता के सामने खुल चुकी हैऔर यही कारण है कि लोग कांग्रेस से पूरी तरह दूर हो गए सौरभ भारद्वाज के इन बयानों से दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर बहस छिड़ गई है।उन्होंने साफ़ कहा है कि कांग्रेस अब जनता की पार्टी नहीं रह गई, बल्कि उसका पूरा ध्यान बीजेपी को फ़ायदा पहुँचाने और आम आदमी पार्टी कोरोकने पर है।


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