
कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को मोदी सरकार से मांग की कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में अनुच्छेद 15(5) को लागू करने के लिए कानून लायाजाए. इस अनुच्छेद के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (एससी, एसटी, ओबीसी) के लिए निजी शिक्षा संस्थानों मेंआरक्षण का प्रावधान है कांग्रेस ने दावा किया कि इन वर्गों के छात्र निजी विश्वविद्यालयों में बेहद कम संख्या में मौजूद हैं. कांग्रेस नेताओं ने कहा किदेश में निजी शिक्षा संस्थानों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन आर्थिक तंगी और आरक्षण लागू न होने की वजह से SC, ST और OBC वर्ग केबच्चे इन संस्थानों में पढ़ाई का अवसर नहीं पा रहे हैं कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग प्रमुख राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि यूपीए सरकार ने आरक्षणका कानून बनाया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी 2008, 2011 और 2014 में वैध ठहराया.
शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में
कांग्रेस ने संसदीय समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें पाया गया कि निजी शिक्षा संस्थानों में केवल 0.89% SC, 0.53% ST और11.16% OBC छात्र हैं। आदिवासी कांग्रेस प्रमुख विक्रांत भूरिया ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने सामाजिक समानता के लिए वोट काअधिकार और आरक्षण दोनों को जरूरी बताया था. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में सौंप रही है.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर मोदी सरकार ने 11 साल से कोई कदम नहीं उठाया है ओबीसी विभाग प्रमुखअनिल जयहिंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को ओबीसी बताते हैं, लेकिन उनके शासनकाल में ओबीसी समुदाय को सबसे ज्यादा नुकसानहुआ उन्होंने कहा कि 2017 से अब तक मोदी सरकार ‘क्रीमी लेयर’ की समीक्षा तक नहीं कर पाई.
सत्र में यह कानून लेकर आए
कांग्रेस नेताओं ने याद दिलाया कि पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र ‘न्याय पत्र’ में निजी शिक्षा संस्थानों में अनुच्छेद 15(5) लागूकरने का वादा किया था उन्होंने कहा कि अब संसद की स्थायी समिति ने भी सर्वसम्मति से इस कानून को लागू करने की सिफारिश की है कांग्रेस नेमांग की कि मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में यह कानून लेकर आए. कांग्रेस नेताओं ने याद दिलाया कि पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावके घोषणापत्र ‘न्याय पत्र’ में निजी शिक्षा संस्थानों में अनुच्छेद 15(5) लागू करने का वादा किया था. उन्होंने कहा कि अब संसद की स्थायी समिति नेभी सर्वसम्मति से इस कानून को लागू करने की सिफारिश की है कांग्रेस ने मांग की कि मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में यह कानून लेकरआए.