
बंगाली समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है भाजपा
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता की और भारतीय जनता पार्टी व मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए।उन्होंने कहा कि भाजपा चुनावी राजनीति के लिए हिंदू समाज और खासकर बंगाली समाज की आस्था का इस्तेमाल कर रही है।
दुर्गा पूजा पर विवाद क्यों खड़ा हुआ
दिल्ली में हर साल दुर्गा पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। चितरंजन पार्क, द्वारका, रोहिणी, ग्रेटर कैलाश जैसे इलाकों में विशाल पंडाल सजते हैंऔर लाखों लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। इन आयोजनों का बजट लाखों-करोड़ों रुपए तक होता है।
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दुर्गा पूजा समितियों को आयोजन के लिए कई सरकारी विभागों से अनुमति लेनी पड़ती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता नेसमितियों से मीटिंग करके वादा किया था कि इस बार सिंगल विंडो सिस्टम बनेगा और समितियों को किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट – समितियां अब भी इधर-उधर भटक रही हैं और सहयोग नहीं मिल पा रहा। इसी बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता नेआदेश दिया कि दुर्गा प्रतिमा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई जाए। इसी पर सबसे ज्यादा विवाद खड़ा हुआ।
मां दुर्गा के साथ प्रधानमंत्री की फोटो लगाना गलत
सौरभ भारद्वाज ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं। उनसे पहले भी कई प्रधानमंत्री हुए, लेकिन आज तक किसीभी मुख्यमंत्री ने ऐसा आदेश नहीं दिया कि दुर्गा पूजा या किसी धार्मिक आयोजन में प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाई जाए। यह परंपरा और आस्था दोनोंका अपमान है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा का आयोजन श्रद्धा और भक्ति से होता है, इसमें किसी नेता की तस्वीर लगाने की मजबूरी बिल्कुल गलत है।
1200 यूनिट बिजली बनाम करोड़ों का आयोजन
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने दुर्गा पूजा समितियों को सहयोग देने के नाम पर 1200 यूनिट मुफ्त बिजली देनेका ऐलान किया है। उन्होंने कहा जो समितियां 50 लाख से 1 करोड़ तक खर्च करके पूजा का आयोजन करती हैं, क्या वे 1200 यूनिट बिजली काखर्चा नहीं उठा सकतीं? बंगाली समाज की आस्था इतनी सस्ती नहीं कि 1200 यूनिट बिजली में बिक जाए।
रामलीला भूमि पूजन पर भी सवाल
भारद्वाज ने यह भी कहा कि भाजपा सिर्फ दुर्गा पूजा ही नहीं, बल्कि रामलीला को भी राजनीति से जोड़ रही है। इस बार रामलीला के भूमि पूजन परजबरन प्रधानमंत्री मोदी जी के मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण करवाया गया। उन्होंने कहा यह साफ दिखाता है कि भाजपा अब धार्मिक आयोजनोंको अपनी राजनीति का साधन बना रही है। लोग अब मोदी जी की मन की बात सुनना नहीं चाहते, तभी इसे ऐसे आयोजनों में जबरदस्ती शामिलकिया जा रहा है।
बंगाली समाज में नाराजगी बढ़ी
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने कई दुर्गा पूजा समितियों और बंगाली समाज के लोगों से बात की है। सभी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के आदेश परनाराजगी जताई है। उन्होंने चेतावनी दी बंगाली समाज आपकी इस जबरदस्ती को कभी स्वीकार नहीं करेगा। मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ प्रधानमंत्रीकी फोटो लगाकर पूजा नहीं होगी। यह तुगलकी फरमान बंगाली समाज को मंजूर नहीं है।
दुर्गा पूजा खुद ही सेवा का प्रतीक है
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी घोषणा की थी कि मोदी जी के जन्मदिन (17 सितम्बर) से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा और इसे दुर्गापूजा से जोड़ा जाएगा। इस पर भारद्वाज ने कहा दुर्गा पूजा अपने आप में सेवा का पर्व है। यहां सुबह से शाम तक प्रसाद बांटा जाता है, हजारों लोगोंकी सेवा होती है। इसे किसी नेता के जन्मदिन से जोड़ना गलत है। बंगाली समाज पहले से ही सेवा करता है, उसे भाजपा से सेवा का पाठ पढ़ने कीजरूरत नहीं है।
भाजपा को दिया सुझाव
सौरभ भारद्वाज ने भाजपा को खुली सलाह दी अगर भाजपा को प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन पर सेवा करनी है तो उनके कार्यकर्ता अपनी पार्टी का पटकापहनकर सड़कों पर उतरे, लोगों की मदद करें, गरीबों की सेवा करें, सोशल मीडिया पर वीडियो-पोस्ट करें। लेकिन धार्मिक आयोजनों में लोगों कीआस्था से खिलवाड़ न करें।
प्रेस वार्ता के दौरान सौरभ भारद्वाज ने साफ कहा कि भाजपा अपनी राजनीतिक दुकान चलाने के लिए हिंदुओं और खासकर बंगाली समाज की आस्थाका इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि आस्था का सम्मान होना चाहिए, न कि उसे राजनीतिक प्रचार का साधन बनाया जाए।