
सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णनको शपथ दिलाई राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकरउपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत था. 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआथा.
आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा
इससे पहले उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था गुरुवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से जारीबयान में यह जानकारी दी गई थी. राष्ट्रपति मुर्मू ने राधाकृष्णन के इस्तीफे के बाद गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभारसौंपा है. देवव्रत अब दोनों राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे.
संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनकाकार्यकाल दो साल बचा हुआ था उनके इस्तीफे के कारण मध्यावधि चुनाव कराया गया.
देश के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद की तक यात्रा असाधारण रही है इस सफर की शुरुआत छात्र आंदोलन से हुईऔर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव के बाद इसका विस्तार राष्ट्रीय फलक तक हुआ. संघ से सक्रिय राजनीति में आए सीपी राधाकृष्णन ने भाजपा मेंसंगठन में लंबे समय तक काम किया। 2004 से 2007 तक वह तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे. इस दौरान 2007 में उन्होंने 93 दिनों में19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की इसका मकसद देश की नदियों को जोड़ना, आतंकवाद का उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करना, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खतरों से निपटना था.
भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
2020 से 2022 तक वह केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। उन्हें संगठन और प्रशासन दोनों क्षेत्रों में मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है. विनम्र औरसुलभ नेता की छवि रखने वाले राधाकृष्णन को उनके समर्थक तमिलनाडु का मोदी कहकर पुकारते हैं.
ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आने वाले राधाकृष्णन की शादी सुमति से हुई है और उनके एक बेटा व एक बेटी हैं। उपराष्ट्रपति पद केलिए एनडीए के प्रत्याशी चुने जाने से पहले तक वह महाराष्ट्र के राज्यपाल थे वह पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र के राज्यपाल बने थे इससे पहले, फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. झारखंड के राज्यपाल रहते उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार संभाला राधाकृष्णन ने दक्षिण भारत में भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.