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उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित इन्वेस्ट यूपी घोटाले में शनिवार 20 सितंबर को एक नया मोड़ आ गया है। आयकर विभाग की जांच शाखा ने मध्यस्थबिचौलिए निकांत जैन और उनके भाई सुकांत जैन को तलब किया है। दोनों को एक सप्ताह के अंदर दस्तावेजों के साथ जांच शाखा के समक्ष पेशहोने का आदेश दिया गया है। आपको बता दे कि यह नोटिस दो दिन पहले जारी किया गया था। विभाग ने उनकी कंपनियों से जुड़े बैंक खाते, लॉकर, निवेश, परिवार से संबंधित वित्तीय विवरण और अन्य दस्तावेज मांगे हैं। जांच तीन महीने से चल रही है।

आपको बता दे कि यह मामला इन्वेस्ट यूपी उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से जुड़ा है, जहां उद्योगों को प्रोजेक्ट मंजूरी देने के नाम पर कमीशनखोरीके गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्य आरोपी निकांत जैन को सोलर पी-6 कंपनी के प्रोजेक्ट को इन्वेस्ट यूपी से मंजूरी दिलाने के बदले 5% कमीशन औरकरीब 1 करोड़ रुपये मांगने का आरोप है। यह प्रोजेक्ट सोलर ऊर्जा से जुड़ा था, जिसकी अनुमानित लागत तकरीबन 8,000 करोड़ रुपये बताई जातीहै।


निकांत जैन निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश तत्कालीन इन्वेस्ट यूपी के सीईओ के करीबी माने जाते हैं। मार्च 2025 में अभिषेक प्रकाशपर उद्यमी से 5% रिश्वत मांगने का आरोप लगा था, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अभिषेकपर पहले भी डिफेंस कॉरिडोर लखनऊ नोड में 20 करोड़ रुपये के भूमि आवंटन घोटाले का भी आरोप लगा था,
इसके साथ मार्च 2025 में उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स STF ने निकांत जैन को गिरफ्तार किया। वे 65 दिनों तक जेल में रहे और मई 2025 मेंजमानत पर रिहा हुए।
तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मई 2025 में निकांत को मुख्य आरोपी बनाते हुए करीब 1,600 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट मेंदाखिल की। इसमें कमीशनखोरी, धोखाधड़ी और धमकी के गंभीर आरोप शामिल हैं। निकांत पर 5 वीं एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
इसके साथ ही अगस्त 2025 में प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने निकांत के लखनऊ और कानपुर के 5 ठिकानों पर छापे मारे। यह मनी लॉन्ड्रिंग और 4 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड से जुड़ा था। ED ने अभिषेक प्रकाश के करीबियों पर भी नजर रखी है।


साथ ही जून 2025 में हजरतगंज पुलिस ने 4 करोड़ के बैंक फ्रॉड में एक और FIR दर्ज की। निकांत पर भूमि हड़पने और फर्जी बैनामा बनाने के भीआरोप हैं

आयकर विभाग की जांच से घोटाले में वित्तीय पहलू पर रोशनी पड़ने वाली है। निकांत और सुकांत को कंपनियों के कागजात, बैंक खातों की डिटेल, निवेश रिकॉर्ड और लॉकर की जानकारी मांगी गई है। विभाग को शक है कि कमीशन की रकम को विभिन्न तरीकों से छुपाया जा रहा है, आपको बतादे कि निकांत की पूछताछ में पहले ही कमीशनखोरी की बात कबूल हो चुकी है, जिससे अभिषेक प्रकाश पर शिकंजा कस रहा है। सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग जल्द ही अभिषेक प्रकाश को भी तलब कर सकता है।

इसके साथ ही भटगांव लैंड स्कैम में अभिषेक प्रकाश पर मेरठ में भूमि अनियमितताओं का आरोप भी आरोप है, विभागीय जांच चल रही है, और जल्दचार्जशीट भेजी जा सकती है।
8,000 करोड़ के प्रोजेक्ट में निकांत को प्राइम एक्ज्यूजेंट माना गया। SIT ने 12 कंपनियों की जानकारी इकट्ठा की है।





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