
नवरात्रि भारत का बहुत ही पावन और महान पर्व है। इस समय पूरे देश में लोग माता दुर्गा और उनकी शक्तियों की पूजा करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनशक्ति, भक्ति और श्रद्धा के प्रतीक माने जाते हैं। इस शुभ अवसर पर कांची कामकोटी पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु शंकर विजयेंद्र सरस्वती नेदेशवासियों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सबको विशेष संदेश दिया।
देवी कामाक्षी का महत्व
शंकराचार्य जी ने बताया कि दक्षिण भारत के कांचीपुरम में स्थित देवी कामाक्षी का मंदिर बहुत ही प्राचीन और पवित्र शक्तिपीठ है। यहां पर मातादुर्गा के साथ-साथ सरस्वती और लक्ष्मी का भी रूप माना जाता है। यानी एक ही देवी में शक्ति (दुर्गा), ज्ञान (सरस्वती) और समृद्धि (लक्ष्मी) तीनों कासंगम है। यह परंपरा लगभग 2500 साल पहले आदि शंकराचार्य ने शुरू की थी। तभी से यहां नवरात्रि पर विशेष पूजा होती आ रही है। मान्यता है किदेवी कामाक्षी के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती।
नवरात्रि की विशेष पूजा
नवरात्रि में कांची के कामाक्षी मंदिर में विशेष अनुष्ठान और पूजन किए जाते हैं। यहां वैदिक रीति से देवी की पूजा की जाती है और अलग-अलग यंत्रऔर मंत्रों से विशेष प्रार्थना की जाती है। इस पूजा में देशभर से भक्त शामिल होते हैं और माता से आशीर्वाद पाते हैं शंकराचार्य जी ने बताया कि इसपूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
देवी कामाक्षी का नाम और अर्थ
कामाक्षी नाम का अर्थ भी बहुत विशेष है। काम का मतलब होता है इच्छा और अक्षी का मतलब होता है आंख। यानी देवी कामाक्षी वह हैं जिनकीकृपा दृष्टि से हर इच्छा पूरी हो जाती है। यह भी मान्यता है कि वे भगवान शिव और विष्णु की संयुक्त शक्ति का प्रतीक हैं।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
यह मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बहुत खास है। यहां आकर लोगों को भारतीय परंपरा, एकता और भक्ति काअनुभव होता है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां नवरात्रि के समय दर्शन के लिए आते हैं।
शंकराचार्य का आह्वान
शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती ने अपने संदेश में कहा कि सभी श्रद्धालुओं को नवरात्रि के दौरान कामाक्षी देवी के दर्शन के लिए अवश्य आनाचाहिए,उन्होंने कहा कि माता कामाक्षी ने हमेशा भक्तों की रक्षा की है और आज भी वे हर किसी के जीवन में सुख और शांति लाती हैं। उन्होंने सभीलोगों को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए यहभी कहा कि माता के दर्शन से जीवन पवित्र और सफल बनता है।