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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना हैकि दिल्ली में चलाया जा रहा स्वच्छता अभियान केवल दिखावा और फोटोग्राफी तक सीमित है। यादव के अनुसार मुख्यमंत्री केवल साफ-सुथरीजगहों पर जाकर फोटो खिंचवाती हैं और इसे स्वच्छता को जीवन की संस्कृति का नाम देती हैं। वहीं, असली स्थिति यह है कि राजधानी की कईसड़कों, गली-मोहल्लों और झुग्गी-झोपड़ियों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और गंदगी फैली हुई है।

अभियान की असली स्थिति
देवेंद्र यादव ने बताया कि भाजपा सरकार ने 1 अगस्त 2025 से विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया था। इसे अब 2 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन अगर यह अभियान संवेदनशीलता और गंभीरता से किया जाता तो दिल्ली की हालत काफी बेहतर हो सकती थी। उन्होंने कहा कि मानसून केबाद जमा गंदगी और कूड़ा स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है। दिल्ली में अब मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य मौसमी बीमारियाँ तेजी से फैलरही हैं। इसके बावजूद भाजपा सरकार केवल साफ-सुथरी जगहों पर फोटो खिंचवाने में लगी हुई है।

मैनुअल सफाई में हुई मौतें
यादव ने मैनुअल सफाई के दौरान हुई मौतों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि 16 सितंबर 2025 को अशोक विहार में 40 वर्षीय अरविंद कीमौत मैनुअल सीवर सफाई के दौरान हुई। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में मैनुअल स्कैवेंजर्स की नियुक्ति पर रोक लगाई है। लेकिन पिछले 6 वर्षों में 430 लोग मैनुअल सफाई करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं। भाजपा सरकार ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और मृतकों के परिवारों को मुआवजातक नहीं दिया। देवेंद्र यादव ने कहा कि यह गंभीर लापरवाही है और सरकार को मृतक परिवारों और अस्पताल में भर्ती सफाई कर्मियों की आर्थिकमदद तुरंत करनी चाहिए।

केवल दिखावे का आरोप
देवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री कूड़े से आज़ादी दिलाने का जन आंदोलन चलाने की बात करती हैं, लेकिन असल में दिल्ली में प्रतिदिन 11,000 टनकूड़े का प्रबंधन नहीं हो रहा है। भलस्वा, औखला और गाजीपुर लैंडफिल में कूड़े के ढेर लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री केवल साफ-सुथरी जगहोंपर फोटो खिंचवाती हैं। असली गंदगी वाली सड़कों, झुग्गी-झोपड़ी और अनाधिकृत कॉलोनियों में सफाई की बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जा रहा।

सफाई कर्मचारियों की कमी
देवेंद्र यादव ने बताया कि दिल्ली में 80 हजार स्थायी सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान में केवल 30 हजार स्थायी और 30-45 हजार अस्थायी कर्मचारी ही कार्यरत हैं। इसके कारण सफाई व्यवस्था ठीक से नहीं चल पा रही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का स्वच्छता अभियानकेवल दिखावा और इवेंट मैनेजमेंट तक सीमित हो गया है। असली सफाई और सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

कूड़ा प्रबंधन और निगम की स्थिति
यादव ने कहा कि दिल्ली नगर निगम पर 16,226 करोड़ रुपये का कर्ज है। कूड़ा प्रबंधन कंपनियों को पूर्ण भुगतान नहीं किया जा रहा। निगम केवल70 करोड़ रुपये देकर सम्पूर्ण कूड़ा प्रबंधन का काम करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली को सही में स्वच्छ बनाना है तो नगरनिगम को पर्याप्त संसाधन, नियमित कर्मचारियों और कूड़ा प्रबंधन के लिए पूरी योजना बनानी होगी।

लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य
देवेंद्र यादव ने कहा कि दिल्लीवासियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सर्वोपरि होना चाहिए। मलेरिया, डेंगू और अन्य बीमारियाँ गंदगी और जलभराव केकारण बढ़ रही हैं। लेकिन सरकार केवल दिखावे के लिए साफ-सुथरी जगहों पर फोटो खिंचवाने में लगी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि असली सफाईअभियान में सड़कें, गली-मोहल्ले, झुग्गी-झोपड़ियाँ और अनाधिकृत कॉलोनियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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