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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में जोघटनाएँ हुई हैं, वे न सिर्फ डराने वाली हैं बल्कि लोकतंत्र को कमजोर करने वाली भी हैं। पाठक ने कहा कि मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह सेतानाशाही जैसा हो गया है और इसका खामियाजा देश के हर नागरिक को भुगतना पड़ रहा है।

लद्दाख की आवाज़ और आंदोलन
दुर्गेश पाठक ने बताया कि लद्दाख में पिछले कई दिनों से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग यह है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दियाजाए। इस आंदोलन का नेतृत्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक कर रहे थे, जिन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारमिल चुके हैं। पाठक ने कहा कि यह मांग कोई नई या अनोखी नहीं है बल्कि भाजपा ने खुद अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका वादा किया था।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और सरकार की कठोरता
दुर्गेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने सम्मानित और शांतिप्रिय व्यक्ति को सरकार ने अचानक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाकरगिरफ्तार कर लिया। उन्हें देशद्रोही तक कह दिया गया, जबकि वे केवल लद्दाख के लोगों की आवाज़ उठा रहे थे। यह कार्रवाई लोकतंत्र के खिलाफ हैऔर इससे पूरे देश की छवि को नुकसान पहुंचा है। पाठक ने कहा कि यह मोदी सरकार का असली चेहरा है, जो विरोध की आवाज़ को बर्दाश्त ही नहींकर पाता।

लोकतंत्र पर खतरे की चेतावनी
दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया ऐसा हो गया है कि जो भी उनके खिलाफ बोलता है, उस पर तुरंत किसी न किसी एक्ट का इस्तेमालकर कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति खतरनाक है क्योंकि इससे जनता में यह संदेश जा रहा है कि अब कोई भी खुलकर सरकार केखिलाफ बोल नहीं सकता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की आत्मा जनता की आज़ादी और अभिव्यक्ति है, जिसे लगातार कुचला जा रहा है।

इतिहास से लिया गया उदाहरण
दुर्गेश पाठक ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि साल 1994 में सोनम वांगचुक के पिता लद्दाख में धरने पर बैठे थे। उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधीको जब इसकी जानकारी मिली तो वे खुद वहां गईं और आंदोलनकारियों से बात की। उन्होंने उनकी मांग सुनी और सम्मानपूर्वक उनका अनशन खत्मकरवाया। पाठक ने कहा कि यह लोकतांत्रिक नेतृत्व की पहचान थी। इसके विपरीत आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता के अहंकार में जनता कीआवाज़ सुनने को भी तैयार नहीं हैं।

हर नागरिक से अपील
दुर्गेश पाठक ने कहा कि यह केवल सोनम वांगचुक या लद्दाख का मुद्दा नहीं है बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र का मामला है। उन्होंने हर भारतीय से अपीलकी कि अगर आप इस देश और लोकतंत्र से प्रेम करते हैं तो इस घटना का विरोध करें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पहले जनता का वोट लेती है औरफिर उन्हीं को जेल में डाल देती है। यह लोकतंत्र के खिलाफ सीधा हमला है और हर नागरिक को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा।

आम आदमी पार्टी की साफ मांग
आम आदमी पार्टी की ओर से दुर्गेश पाठक ने दो मुख्य मांगें रखीं। पहली यह कि सोनम वांगचुक को तुरंत रिहा किया जाए। दूसरी यह कि लद्दाख केलोगों की मांगों को केंद्र सरकार गंभीरता से सुने और उन्हें पूरा करे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता की आवाज़ में होती है और अगरउसे दबा दिया गया तो यह देश के लिए सबसे बड़ा मजाक होगा.

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