
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2300 छोटे उद्यमियों व व्यापारियों के लिए दिवाली से पहले ही सहालग लेकर आया। पांच दिन के महोत्सव में एक छोटेकारोबारी ने औसतन 60 लाख का बिजनेस किया। हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण और डेकोरेशन से जुड़े ओडीओपी उद्यमियों को आने वाले सीजन केलिए 1000 करोड़ के आर्डर अलग से मिले हैं।
प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले क्यों नहीं टिकते
इसे देखते हुए अन्य राज्य भी इंटरनेशनल ट्रेड शो कराने की तैयार कर रहे हैं। ट्रेड शो में करीब 2300 उद्यमियों और व्यापारी अपने उत्पाद लेकर आएथे। उन्हें देखने पांच लाख से ज्यादा लोग आए। छोटे उद्यमियों से डील करने के लिए 1.40 लाख से ज्यादा कारोबारी देश भर से आए। पांच दिन में11,200 करोड़ रुपये आर्डर को लेकर पूछताछ आई।सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और वैश्विक संस्थानों के बीच लगभग 1900 करोड़ के 2400 सेअधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। एमओयू और भविष्य की पूछताछ के अलावा प्रत्यक्ष रूप से मेले में अपने उत्पाद बेचने आए कारोबारियों को1200 करोड़ से ज्यादा का मिला। इसके अलावा आने वाले सीजन के लिए लगभग 1000 करोड़ के आर्डर मौके पर ही मिले।दूसरी तरफ एमएसएमईसेक्टर को ग्लोबल प्लेटफार्म पर मिलने वाली चुनौतियों का भी पता चला। उन्हें ये समझने को मिला कि आखिर विदेशों में उनके उत्पाद अन्यप्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले क्यों नहीं टिकते हैं।
राज्य भी इंटरनेशनल ट्रेड शो कराने की तैयारी
गुणवत्ता के मामले में कई उद्यमियों को विदेशी खरीदारों ने बेहतर करने की सलाह दी। फिनिशिंग, पैकिंग, ब्रांडिंग, लोगो में सुधार की जानकारीमिली।राज्य सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि यूपीआईटीएस छोटे उद्यमियों के लिए न केवल बड़ा मंच बना है बल्कि वैश्विकमंच में उतरने की सीख भी दे गया। उन्होंने बताया कि त्योहारों से ठीक पहले इन उद्यमियों को मेले में ही लाखों की आय हुई है। मेले की सफलता कोदेखते हुए अन्य राज्य भी इसी तर्ज पर ट्रेड शो कराने की तैयारी कर रहे हैं।यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में एक कारोबारी ने औसतन 60 लाख का बिजनेसकिया और 1000 करोड़ के ऑर्डर भी मिले। अब अन्य राज्य भी इंटरनेशनल ट्रेड शो कराने की तैयारी में हैं।