
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के साथ छल कर रही है। एक ओर किसानों को सब्सिडी देने के नाम पर बड़े-बड़ेदावे किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर कृषि संबंधी उपकरणों और खाद्य सामग्री पर 5% जीएसटी लगाकर उनकी कमर तोड़ी जा रही है।किसान उपकरणखेती की रीढ़ हैं – हल, ट्रैक्टर के औजार, सिंचाई के यंत्र, बीज बोने और फसल काटने की मशीनें। इन पर टैक्स लगाना सीधे-सीधे किसानों को बर्बादीकी ओर धकेलना है। कृषि और किसानों को लाभ देने का दावा करने वाली यह सरकार असल में कॉरपोरेट के लिए काम करने वाली छलावे कीसरकार है, जिसने देश की आर्थिक रीढ़ तोड़कर भारत को कर्ज़ और महंगाई के दलदल में धकेल दिया है।
उखाड़ फेंकने के लिए तैयार
मोदी सरकार का हर कदम किसान विरोधी, गरीब विरोधी और आम जनता विरोधी है।सुनील सिंह ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में किसानों के साथहै, तो टैक्स हटाकर उन्हें सच्ची राहत दे। अन्यथा साफ हो जाएगा कि सरकार केवल कॉरपोरेट घरानों के हित में फैसले ले रही है और किसान उसकेलिए सिर्फ वोट बैंक हैं। सिंह ने आरोप लगाए है कि किसानों को न्याय की जगह धोखा मिलायुवाओं को रोजगार की जगह बेरोजगारी मिली देश कोविकास की जगह आर्थिक बदहाली मिली।यह सरकार सिर्फ़ जुमले और भाषण पर चल रही है, ज़मीन पर काम कहीं नहीं है। लोकदल चेतावनी देता हैकि जनता के सब्र का बाँध अब टूट चुका है। किसान और आम आदमी इस फरेब की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार बैठा है।